जम्मू। कश्मीर में प्राइवेट स्कूलों में पढ़ने वाले 8 हजार के करीब छात्र-छात्राएं सरकारी स्कूलों में आ गए हैं। हालांकि कईयों को प्राइवेट स्कूलों ने डिस्चार्ज सर्टिफिकेट देने से मना कर दिया है बावजूद इसके शिक्षा विभाग ने उन्हें प्रवेश देने के लिए हामी भर दी है।
हालांकि प्राइवेट स्कूलों से सरकारी स्कूलों में एडमिशन लेने वाले इन छात्रों के बारे में कहा जा रहा है कि वे कई कारणों से ऐसा कर रहे हैं जिसमें सबसे बड़ा कारण आर्थिक है। दरअसल कोरोना ने कश्मीर की अर्थव्यवस्था पर भी बुरा असर डाला था और जिसके परिणाम अब सामने आ रहे हैं।
बताया जाता है कि जो 8 हजार के करीब छात्रों ने अब सरकारी स्कूलों में एडमिशन के लिए अप्लाई किया है उनमें से कईयों को प्राइवेट स्कूलों ने फीस न भरने के कारण निकाल दिया था और कई पहले से ही स्कूलों को छोड़ चुके थे।
इस संबंध में स्कूली शिक्षा विभाग के इंचार्ज डॉ. तस्सदुक हुसैन कहते थे कि कश्मीर में सभी को शिक्षा के तहत स्कूल छोड़ने वाले छात्रों को फिर से भर्ती करने की भी मुहिम छेड़ी गई थी। जबकि सरकारी स्कूलों की ओर आकर्षण बढ़ाने के लिए जो पखवाड़ा चलाया गया था उसके तहत कश्मीर में 40358 नए छात्र सरकारी स्कूलों में विभिन्न कक्षाओं में आए हैं।
उन्होंने इस मुहिम की सफलता का श्रेय उन सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को दिया जिन्होंने अथक मेहनत कर इन हजारों बच्चों को सरकारी स्कूलों की ओर आकर्षित किया तथा पढ़ाई छोड़ चुके बच्चों को भी फिर से स्कूलों की ओर मोढ़ने में कामयाबी हासिल की।