Budha Amarnath Yatra: प्रदेश में इस समय कई अमरनाथ यात्राएं चल रही हैं। अगर कश्मीर में पिछले 50 दिनों से जारी अमरनाथ यात्रा (Amarnaath Yatra) सवा 4 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं की शिरकत के साथ अंतिम चरण में पहुंच चुकी है तो पुंछ कस्बे की बुड्ढा अमरनाथ यात्रा (Budha Amarnath Yatra) के लिए आज पहला जत्था जम्मू से रवाना हुआ है जबकि उत्तरी कश्मीर के बांडीपोरा में छोटा अमरनाथ की यात्रा 31 अगस्त को आरंभ होने जा रही है।
आज बुड्ढा अमरनाथ की वार्षिक तीर्थयात्रा, जिसे 'बाबा बुड्ढा अमरनाथ यात्रा' के नाम से भी जाना जाता है, शुरू हो गई है। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजीपी) मुकेश सिंह ने जम्मू में भगवती नगर बेस कैंप से 1,338 तीर्थयात्रियों के पहले जत्थे को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे और भजन-कीर्तन कर रहे थे, इससे पूरा वातावरण जीवंत हो गया।
इस अवसर पर एडीजीपी ने कहा कि श्री बुड्ढा अमरनाथजी की यात्रा उत्तरी भारत और केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में महत्वपूर्ण हिन्दू तीर्थयात्राओं में से एक है। उन्होंने यात्रा को सफल बनाने में विभिन्न एजेंसियों की भूमिका की सराहना की। यात्रा की सुरक्षा के लिए जम्मू-कश्मीर पुलिस के साथ-साथ अर्द्धसैनिक बलों को तैनात किया गया है और तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए अन्य उपाय किए गए हैं।
यात्रा जत्थे में 907 पुरुष, 411 महिलाएं और 20 बच्चे शामिल थे, जो 29 वाहनों में सवार होकर बुड्ढा अमरनाथजी यात्रा के लिए रवाना हुए। भगवान शिव को समर्पित, जम्मू-कश्मीर के पुंछ की मंडी तहसील के राजपुरा गांव में बुड्ढा अमरनाथ मंदिर जम्मू क्षेत्र के सबसे पुराने मंदिरों में से एक है।
छोटा अमरनाथ यात्रा की तैयारियां : इस बीच उत्तरी कश्मीर के बांडीपोरा जिले में प्रशासन आगामी 31 अगस्त को शुरू होने वाली छोटा अमरनाथ यात्रा की तैयारियों में व्यस्त है। हिमालय पर्वत की चोटी पर अरिन घाटी के घने जंगलों में स्थित, महादानेश्वर मंदिर, जिसे छोटा अमरनाथ भी कहा जाता है, में प्राकृतिक रूप से निर्मित बर्फ का लिंगम है। ऊपर से पानी की बूंदें धीरे-धीरे इस लिंगम पर गिरती हैं। इस गुफा की तीर्थयात्रा में केवल 1 दिन लगता है, जिसके अंदर की संकीर्ण जगह में केवल 7 से 8 व्यक्तियों के रहने की जगह है।
एक अधिकारी ने बताया कि यात्रा, सुरम्य अरिन-दर्दपोरा बेल्ट के माध्यम से 15 किलोमीटर लंबे मार्ग को कवर करते हुए शम्पथन से होते हुए पवित्र छोटा अमरनाथ गुफा में समाप्त होगी। स्थानीय निवासियों ने बेहतर बुनियादी ढांचे की आवश्यकता पर प्रकाश डालते हुए इस पहल के लिए अपना समर्थन व्यक्त किया है। एक स्थानीय निवासी गुलाम मोहम्मद ने कहा कि हम छोटा अमरनाथ यात्रा को लेकर रोमांचित हैं। यह एक स्वागतयोग्य कदम है, जो हमारे समुदाय में भक्ति की भावना लाता है।
दूसरी ओर कश्मीर में अमरनाथ यात्रा अब अपने अंतिम चरण में है, जो 31 अगस्त को समाप्त हो जाएगी। करीब 62 दिनों तक चलने वाली अमरनाथ यात्रा में अब वैकल्पिक दिनों में श्रद्धालुओं को रवाना किया जा रहा है, क्योंकि इसके प्रतीक हिमलिंग के पिघल जाने के बाद इसके प्रति आकर्षण समाप्त हो गया है।
Edited by: Ravindra Gupta