सीजफायर रहे या न रहे, एलओसी पर बंकरों का निर्माण जारी
एलओसी से सटे इलाकों में रहने वाले लोग कोई खतरा मोल लेने को राजी नहीं, बचाव की खातिर बंकरों का निर्माण
यह सच है कि नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर हाल ही में बढ़े तनाव के बाद, अधिकारियों ने एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के नौगाम सेक्टर में सामुदायिक बंकरों का निर्माण शुरू कर दिया है। यह पहल संवेदनशील सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले नागरिकों की सुरक्षा बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
अधिकारियों के अनुसार, प्रारंभिक चरण में पोथवारी, 5 नंबर, नौगाम और मनकल सहित प्रमुख स्थानों पर सात सामुदायिक बंकरों का निर्माण शामिल है, प्रत्येक साइट पर एक बंकर होगा। आपात स्थिति के दौरान आसान और तत्काल पहुंच सुनिश्चित करने के लिए ये संरचनाएं आवासीय क्षेत्रों के नज़दीक विकसित की जा रही हैं।
प्रत्येक बंकर दो दिनों के भीतर उपयोग के लिए तैयार होने की उम्मीद है। दरअसल सीमा पर हाल ही में हुई वृद्धि ने नौगाम सेक्टर के निवासियों को लगातार भय की स्थिति में डाल दिया है, जिससे उनके दैनिक जीवन और आजीविका पर गंभीर असर पड़ रहा है।
स्थानीय निवासी मोहम्मद असलम कहते थे कि हाल ही में हुई गोलाबारी के कारण हमारी रातों की नींद उड़ गई है। यहां के ज़्यादातर घर लकड़ी से बने हैं जो इतने कमज़ोर हैं कि एक छोटा सा विस्फोट भी उन्हें सेकंडों में नष्ट कर सकता है।
एक अन्य निवासी मोहम्मद अराफ़ के बकौल, भारी गोलाबारी के दौरान, परिवार सुरक्षा की तलाश में एक ही कंक्रीट के घर में एक साथ इकट्ठा हो जाते थे। वे कहते थे कि ये अस्थायी बंकर हमें सुरक्षा का एहसास दिलाते हैं, लेकिन हमें उम्मीद है कि सरकार भविष्य में स्थायी कंक्रीट बंकर बनाएगी।
दिलचस्प बात यह है कि इन बंकरों के निर्माण ने कई स्थानीय लोगों के लिए आजीविका का अवसर भी प्रदान किया है, जिनमें से अधिकांश सेना या अन्य सीमा-संबंधी गतिविधियों में रोज़गार पर निर्भर हैं। एक स्थानीय कार्यकर्ता कहते थे कि हम प्रशासन के आभारी हैं। वे न केवल हमें खतरे से बचा रहे हैं, बल्कि आजीविका कमाने का मौका भी दे रहे हैं।
सीमा पर रहने वाले निवासियों ने बताया कि उन्हें पहले उच्च जोखिम वाले सीमा क्षेत्र का हिस्सा नहीं माना जाता था। हालांकि, हाल ही में हुई झड़पों के बाद और नौगाम सेक्टर की एलओसी से निकटता को देखते हुए, अधिकारियों ने आखिरकार सुरक्षात्मक उपाय शुरू किए।
विशेष रूप से, लोगों ने एक ही चिंता व्यक्त की थी कि अगर युद्ध जैसी स्थिति फिर से पैदा हो गई, तो उनके पास कोई आश्रय नहीं होगा। स्थानीय निवासियों द्वारा उजागर किए गए इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए, प्रशासन ने अब उचित स्थानों पर बंकरों का निर्माण शुरू करके प्रतिक्रिया दी है।
इन सामुदायिक बंकरों का निर्माण सीमावर्ती क्षेत्रों में नागरिक सुरक्षा को बढ़ाने में एक महत्वपूर्ण कदम है। स्थानीय लोग अब अधिक टिकाऊ, कंक्रीट संरचनाओं की उम्मीद करते हैं जो भविष्य में तनाव बढ़ने की स्थिति में दीर्घकालिक सुरक्षा प्रदान कर सकते हैं।
edited by : Nrapendra Gupta