जम्मू। वर्ष 1999 में इंडियन एयरलाइंस के अपहृत विमान में सवार यात्रियों की सुरक्षित रिहाई की खातिर छोड़े गए आतंकी गुट अल उमर के तथाकथित मुखिया मुश्ताक जरगर उर्फ लटरम के श्रीनगर स्थित मकान को एनआईए ने कुर्क किया है। यह कार्रवाई उस मुहिम का हिस्सा मानी जा रही है जिसके तहत आतंकी गतिविधियों को चलाने और आतंकियों को समर्थन देने वालों के मकान कुर्क किए जा रहे हैं।
इससे पहले 2 माह पूर्व अधिकारियों ने एक आतंकी के घर को ढहाकर तथा एक अन्य के घर की दीवार ढहाकर यह संदेश देने का प्रयास किया था कि यह नया कश्मीर है। जरगर उर्फ लटरम फिलहाल पाकिस्तान में बताया जाता है और कुछ दिन पहले ही केंद्रीय गृहमंत्रालय ने उसे आतंकी घोषित कर दिया था। और अब उसके मकान को कुर्क कर अधिकारियों ने उस पार बैठे कश्मीरी आतंकियों को भी कड़ा संदेश दिया है कि भारत सरकार उनके खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई करेगी।
कश्मीर में उन मकानों को कुर्क करने या सील करने की मुहिम कोई नई नहीं है जिनके प्रति सुरक्षाबलों का दावा है कि उनका इस्तेमाल आतंकियों द्वारा या आतंकी गतिविधियों के लिए हुआ है। दरअसल यूएपीए कानून लागू होने के बाद से सुरक्षाबल उन घरों को सील कर रहे हैं जिनके प्रति उनका दावा है कि उनका इस्तेमाल आतंकियों द्वारा या फिर आतंकी कार्रवाई के लिए किया गया है। इसमें सबसे गंभीर चिंताजनक बात यह है कि इन घरों के मालिकों को ही यह साबित करना होगा कि उनके घरों का गलत इस्तेमाल नहीं हुआ है।
जानकारी के लिए इसी मुहिम के तहत पिछले साल 10 दिसंबर को ही प्रशासन ने हिम्मत दिखाते हुए पहले जैशे मुहम्मद के आतंकी कमांडर आशिक अहमद नेंगरू के पुलवामा के राजपोरा स्थित मकान को ढहा दिया था। वर्ष 2019 को 14 फरवरी के दिन पुलवामा में हुए आत्मघाती हमले की साजिश रचने के लिए नेंगरू को दोषी ठहराते हुए आतंकी घोषित किया गया था।
हालांकि तब इस कार्रवाई पर टीआरएफ आतंकी गुट ने यह धमकी दी थी कि इस कार्रवाई में शामिल अधिकारियों और कर्मियों की वे ईंट से ईंट बजा देंगें। इतना जरूर था कि इस आतंकी धमकी से प्रशासन बिलकुल नहीं घबराया था और उसने फिर अतिक्रमण विरोधी मुहिम के तहत पहलगाम के अनंतनाग में एक और हिज्बुल मुजाहिदीन के आतंकी कमांडर आमिर खान के घर की चारदीवारी को तोड़ दिया था।
Edited by: Ravindra Gupta