Biodata Maker

Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

कृष्ण जन्माष्टमी 15, 16 और 17 अगस्त 2025 तीनों दिनों में से कौनसी है सही डेट, पूजा का समय क्या है?

Advertiesment
हमें फॉलो करें Janmashtami 2025

WD Feature Desk

, गुरुवार, 14 अगस्त 2025 (11:42 IST)
श्रीकृष्‍ण जन्माष्टमी का महापर्व भाद्रपद के कृष्‍ण पक्ष की अष्टमी के दिन रोहिणी नक्षत्र में मध्यरात्रि को मनाया जाता है। धार्मिक मान्यताओं अनुसार इसी तिथि और नक्षत्र में रात 12 बजे भगवान कृष्ण का जन्म हुआ था। लेकिन इस बार अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र अलग-अलग दिन पड़ रहा है। इसके कारण भी कंफ्यूजन है। आओ दूर करते हैं इस कंफ्यूजन को।
 
अष्टमी तिथि कब से कब तक रहेगी:
अष्टमी तिथि प्रारम्भ- 15 अगस्त 2025 को रात्रि 11:49 बजे।
अष्टमी तिथि समाप्त- 16 अगस्त 2025 को रात्रि 09:34 बजे।
 
रोहिणी नक्षत्र कब से कब तक रहेगा:
रोहिणी नक्षत्र प्रारम्भ- 17 अगस्त 2025 को प्रात: 04:38 बजे से।
रोहिणी नक्षत्र समाप्त- 18 अगस्त 2025 को प्रात: 03:17 बजे तक।
 
मध्यरात्रि पूजा का समय:
15 अगस्त निशिथ पूजा का समय- मध्यरात्रि 12:04 से 12:47 तक।
16 अगस्त निशिथ पूजा का समय- मध्यरात्रि 12:04 से 12:47 तक।
 
शास्त्रमत क्या है?
1. अष्टमी तिथि की समाप्ति के बाद रोहिणी नक्षत्र है। इस स्थिति में जिस दिन अष्टमी तिथि पड़ रही है उस दिन जन्माष्टमी का त्योहार मनाया जाएगा।
 
2. अष्‍टमी तिथि 15 अगस्त रात्रि 11:49 बजे से प्रारंभ होकर 16 अगस्त रात्रि 09:34 बजे समाप्त हो रही है। ऐसे में 16 अगस्त को उदयातिथि की अष्‍टमी लेना शास्त्र सम्मत है क्योंकि अष्‍टमी यदि सप्तमी विद्धा (संयुक्त) हो तो वह सर्वर्था त्याज्य होती है चूंकि 15 अगस्त को अष्टमी सप्तमी विद्धा (संयुक्त) है अत: वह शास्त्रानुसार सर्वर्था त्याज्य है, वहीं 16 अगस्त को अष्टमी तिथि नवमीं विद्धा (संयुक्त) है जो शास्त्रानुसार ग्राह्य है।
 
3. अष्टमी का व्रत यदि रखा है तो उसका पारण नवमी को होगा। इस अनुसार भी 16 अगस्त को जन्माष्‍टमी मनाया जाना श्रेयष्कर है। इस व्रत में अष्टमी के उपवास और पूजन के बाद नवमी के पारणा से व्रत की पूर्ति होती है। यानी पारण 17 तारीख को सुबह होगा। इसलिए 16 अगस्त को अष्टमी मान्य है। 
 
4. जहां तक सवाल मध्यरात्रि में जन्मोत्सव मनाए जाने का है तो 16 अगस्त को निशिथ काल में यह पर्व मनाया जा सकता है। उदयातिथि के अनुसार 2025 में जन्माष्टमी का पावन पर्व स्मार्त और वैष्णव दोनों संप्रदाय के लोग 16 अगस्त 2025, शनिवार को मनाएंगे।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

हलषष्ठी, ललही छठ कब है? इसे बलराम जयंती क्यों कहते हैं? जानें शुभ मुहूर्त