When is krishna janmashtami : भादो मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव मनाया जाता है। इस बार श्रीकृष्ण का 5250वां जन्मोत्सव मनाया जाएगा। इस बार जन्माष्टमी का पर्व कब है? इसको लेकर भी कंफ्यूजन है कि जन्माष्टमी का पर्व 18 अगस्त को या कि 19 अगस्त 2022 को है? कई ज्योतिषियों का मानना है कि 18 अगस्त को मनाना चाहिए और कुछ का कहना है कि 19 अगस्त को मनाएं। आओ जानते हैं कि आखिर क्यों है कंफ्यूजन।
अष्टमी तिथि : 18 तारीख को सप्तमी तिथि रात्रि 09:20 बजे तक तक रहेगी उसके बाद अष्टमी तिथि प्रारंभ हो जाएगी, जो अगले दिन यानी 19 अगस्त को रात्रि 10:59 तक रहेगी।
1. मध्यरात्रि : श्रीकृष्ण का जन्म अष्टमी तिथि की रात्रि को शून्यकाल में हुआ था, इसलिए शून्यकाल में ही उनका जन्मोत्सव मनाना चाहिए। शून्य काल रात्रि की 12 बजे रहता है। 19 तारीख को अष्टमी की तिथि रात्रि 10:59 तक रहेगी। इसलिए इस तारीख को मनाने का कोई मतलब नहीं।
2. आठवां मुहूर्त काल : श्रीकृष्ण का जन्म अष्टमी तिथि के आठवें मुहूर्त में जन्म हुआ था। यह आठवां मुहूर्त 19 अगस्त की शाम को रहेगा। इसलिए 19 अगस्त को ही जन्माष्टमी मनाएं।
3. उदयातिथि : यदि कोई तिथि रात्रि में प्रारंभ हो रही है तो फिर उदयातिथि को ही पर्व मनाया जाना चाहिए। उदयातिथि अर्थात यदि तिथि का प्रारंभ रात्रि में हो रहा है तो सूर्योदय के बाद ही पर्व मनाया जाता है।
4. पंचांग : बहुत से पंचांग या कैलेंडरों में 19 अगस्त को जन्माष्टमी की तारीख बताई गई है। पंचांग के जानकारों के अनुसार 19 अगस्त को ही जन्माष्टमी का पर्व मनाया जाना चाहिए।
निष्कर्ष : मथुरा श्रीजी पीठ के पीठाचार्य श्री आनंद बाबा के अनुसार जो रात्रि काल में मनाते हैं, सामान्य गृहस्थ और स्मार्तजनों के लिए 18 को जन्माष्टमी और जो दिन में मनाएं, वैष्णव सन्यासियों के लिए 19 अगस्त को जन्माष्टमी श्रेष्ठ है। अर्थात 18 अगस्त गृहस्थ जीवन जीने वाले लोग जन्माष्टमी मनाएंगे। वहीं 19 अगस्त की जन्माष्टमी साधु-संत मनाएंगे।