इस वर्ष जन्माष्टमी को लेकर मतभेद है। लेकिन सभी तरह से निर्दोष तिथि 14 अगस्त 2017 को है। अत: इस दिन जन्माष्टमी मनाई जाएगी। समस्या निवारण के लिए यह दिन अत्यंत उपयुक्त है। विविध कष्टों से मुक्ति के लिए इन विशेष मंत्रों का जाप करें।
(1) दरिद्रता निवारण के लिए- 'श्री हरये नम:' का यथाशक्ति जप करें तथा श्रीकृष्ण भगवान के विग्रह का पंचोपचार पूजन कर पंचामृत का नेवैद्य लगाएं।
(2) सुख-शांति के लिए- 'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय' का जप करें। श्रीकृष्ण भगवान के विग्रह का पंचामृत से अभिषेक कर मेवे का नेवैद्य लगाएं। यह मंत्र कल्पतरु है।
(3) विपत्ति से बचने के लिए- 'श्रीकृष्ण शरणं मम्' का जप करें।
(4) शांति तथा मोक्ष प्राप्ति के लिए- 'ॐ क्लीं हृषिकेशाय नम:' का जप करें।
(5) विवाह के लिए- 'श्री गोपीजन वल्लभाय स्वाहा' का जप करें तथा राधाकृष्ण के विग्रह का पूजन करें।
(6) घर में सुख-शांति के लिए- 'ॐ नमो भगवते रुक्मिणी वल्लभाय स्वाहा' का जप करें तथा श्रीकृष्ण-रुक्मणी का चित्र सामने रखें।
(7) संतान प्राप्ति के लिए- निम्न मंत्र की 1 माला नित्य करें। निश्चित ही संतान प्राप्ति होती है तथा उच्चारण का विशेष ध्यान रखें।
'ॐ देवकीसुत गोविन्द वासुदेव जगत्पते।
देहि में तनयं कृष्ण त्वामहं शरणं गत:।।'
(8) धन-संपत्ति के लिए- 'ॐ श्रीं लक्ष्मी वासुदेवाय नम:'। श्री लक्ष्मी-विष्णु की प्रतिमा रखकर पंचोपचार पूजन कर जपें।
(9) शत्रु शांति के लिए भगवान नृसिंह की सेवा अत्यंत लाभदायक है। निम्न मंत्र की एक माला नित्य करने से शत्रु शांति, टोने-टोटके, भूत-प्रेत आदि से बचाव होता है-
'ॐ उग्र वीरं महाविष्णुं ज्वलंतं सर्वतोमुखम्।
नृसिंह भीषणं भद्रं, मृत्युं-मृत्युं नमाम्यहम्।।'
उपरोल्लिखित मंत्रों में पूजन में तुलसी का प्रयोग अवश्य करें।