श्री विष्णुजी ने पूरी 24 कलाएं लेकर भाद्र कृष्ण पक्ष की अष्टमी को मां देवकी के गर्भ से जन्म लिया। बाद में भगवान ने अपनी बाल लीलाएं यशोदा मां व नंदबाबा के आंगन में दिखाई। भगवान के दिव्य अवतार का नामकरण-संस्कार गंगाचार्य ने किया 'कृष्ण'। जो अपनी ओर सबको आकर्षित करे वह 'कृष्ण' है। समय-समय पर अलग-अलग लीलाओं के आधार पर उनके नाम होते गए। इन्हीं नामों का राशि अनुसार अष्टमी पर जाप करने से मनचाहा वरदान मिलता है।
राशि अनुसार श्रीकृष्ण मंत्र
मेष : ॐ माधवाय नम:
वृषभ : ॐ गोहितो नम:
मिथुन : ॐ वत्सलाय: नम:
कर्क : ॐ श्रीधर नम:
सिंह : ॐ विजितात्मा नम:
कन्या : ॐ सर्वदर्शी नम:
तुला : ॐ वासुदेवो नम:
वृश्चिक : ॐ गंभीरात्मा नम:
धनु : ॐ देवकीनंदन: नम:
मकर : ॐ भक्तवत्सल: नम:
कुंभ : ॐ लोहिताक्ष: नम:
मीन : ॐ कृष्णाय नम:
विशेष : जन्माष्टमी के दिन जो जातक 'कृष्णाष्टक' या 'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नम:' का जाप करता है, उसे विशेष फल प्राप्त होता है।