इस वर्ष चैत्र पूर्णिमा पर हनुमान जयंती मंगलवार, 11 अप्रैल 2017 को है। श्री हनुमान कलयुग के शीघ्र ही प्रसन्न होने वाले देवता हैं। मात्र स्मरण करने से ही वे कृपा करते हैं। उग्र भी हैं, प्रमाद व लापरवाही उन्हें बिलकुल अच्छी नहीं लगती अत: सावधानी आवश्यक है। निम्नलिखित मंत्रों के प्रयोग से कष्ट दूर कर हनुमानजी की कृपा प्राप्त की जा सकती है।
हनुमान जयंती के दिन किसी भी हनुमान मंदिर में यथासंभव पूजन करें तथा नैवेद्य लगाएं। घर पर हनुमानजी का कोई भी चित्र लाल कपड़े पर रखकर पूजन करें। पूजन में चंदन, सिन्दूर, अक्षत, कनेर, गुड़हल या गुलाब के पुष्प प्रयोग करें। नैवेद्य में मालपुआ, बेसन के लड्डू आदि लें तब आरती कर संकल्प लेकर अपनी समस्या के अनुसार मंत्र जप करें।
1. 'ॐ हं हनुमते नम:।'
वाद-विवाद, न्यायालय आदि के लिए प्रयोग किया जा सकता है।
2. 'ॐ हं हनुमते रुद्रात्मकायं हुं फट्।'
शत्रु से अधिक भय हो, जान-माल का डर हो, तो यह प्रयोग उचित रहेगा।
3. 'ॐ हं पवननन्दनाय स्वाहा।'
हनुमानजी के दर्शन सुलभ होते हैं, यदि नित्य यह पाठ किया जाए।
4. 'ॐ नमो हरि मर्कट मर्कटाय स्वाहा।'
शत्रु बलवान होने पर यह जप निश्चित लाभ देता है।
5. 'ॐ नमो भगवते आंजनेयाय महाबलाय स्वाहा।'
असाध्य रोगों के लिए इस मंत्र का प्रयोग करें।
6. 'ॐ नमो भगवते हनुमते नम:।'
सर्व सुख-शांति के लिए यह मंत्र जपें।
7. 'दुर्गम काज जगत के जेते,
सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते।'
कठिन कार्यों की सफलता के लिए।
8. 'और मनोरथ जो कोई लावै,
सोई अमित जीवन फल पावै।'
इच्छापूर्ति के लिए।
9. 'अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता,
अस बर दीन जानकी माता।'
रुद्राक्ष माला, ब्रह्मचर्य व लाल वस्त्रासन का प्रयोग करें। पूर्वाभिमुख हो जप करें। यथाशक्ति जप कर उपलब्ध साधनों से 1 माला हवन करें, मंत्र सिद्ध हो जाएगा। उपरांत नित्य 1 माला कार्य होने तक करें, बीच में बंद नहीं करें। इति:।