Hanuman Jayanti 2021: जयंती अर्थात जिस दिन उनका जन्म हुआ था। हनुमान जयंती वर्ष में दो बार मनाई जाती है। पहली हिन्दू कैलेंडर के अनुसार चैत्र शुक्ल पूर्णिमा को अर्थात ग्रेगोरियन कैलेंडर के मुताबिक मार्च या अप्रैल के बीच और दूसरी कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी अर्थात नरक चतुर्दशी को अर्थात सितंबर-अक्टूबर के बीच। इसके अलावा तमिलानाडु और केरल में हनुमान जयंती मार्गशीर्ष माह की अमावस्या को तथा उड़ीसा में वैशाख महीने के पहले दिन मनाई जाती है। आओ जानते हैं चैत्र माह की हनुमान जयंती किस तारीख को है।
1. हिंदू कैलेंडर के अनुसार इस वर्ष चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को हनुमान जयंती है। इस बार हनुमान जयंती 27 अप्रैल 2021 को मनाई जाएगी। इस बार हनुमान जयंती के अवसर पर कई शुभ योग और शुभ मुहूर्त बन रहें हैं। इस बार हनुमान जयंती के दिन सिद्धि योग और व्यतीपात योग बन रहें हैं। हनुमान जयंती के दिन सिद्धि योग शाम 08 बजकर 3 मिनट तक रहेगा। इसके बाद व्यतीपात लग जाएगा।
पंचांग अनुसार हनुमान जयंती 2021 का शुभ मुहूर्त 26 अप्रैल 2021 की दोपहर 12:44 बजे से पूर्णिमा तिथि प्रारम्भ 27 अप्रैल 2021 की रात्रि 9:01 बजे तक है।
2. हनुमान जयंती के दिन विधि-विधान से हनुमान की पूजा करने से उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है। संकटमोचन हनुमान की कृपा से भक्तों के सभी संकट दूर हो जातें हैं, और भक्तों की सभी प्रकार की मनोकामना पूरी होती है। हनुमान जयंती के दिन हनुमान की पूजा करना सबसे उत्तम है। इस दिन पूजा करने से व्यक्ति को भय, ग्रह दोष और संकटों से मुक्ति प्राप्त होती है।
3. इस दिन काले या सफेद रंग के कपड़े नहीं पहना चाहिए, मांस मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए, नमक का सेवन नहीं करना चाहए और क्रोध नहीं करना चाहिए। इसके अलावा जो वस्तु दान की हो मिष्ठान आदि। उसका सेवन स्वयं नहीं करना चाहिए।
4. हनुमान जी ब्रह्मचारी हैं इसलिए इनकी पूजा में करने वाले को भी ब्रह्मचार्य का पालन करना चाहिए। माना जाता है कि स्त्रियों को पूजा करते समय हनुमान जी की मूर्ति को स्पर्श नहीं करना चाहिए।
5. इस दिन विधिवत रूप से हनुमानजी की पूजा करके उन्हें चौला चढ़ाना चाहिए। सुंदरकांड का पाठ करान चाहिए और श्रीराम की पूजा करके रामरक्षा स्त्रोत का पाठ करना चाहिए।
6. इस दिन हनुमानजी को सरसो या चमेली के तेल या घी का दीपक लगाना चाहिए। उन्हें गुड़ चना, हलवा या बेसन के लड्डू का भोग लगाना चाहिए। हनुमान को गुलाब की माला, जनेऊ और पान का बीड़ा अर्पित करना चाहिए।
उपरोक्त कार्य करने से सभी तरह के संकट दूर हो जाते हैं और भक्त अपने जीवन में सभी तरह का सुख पाता है।