hanuman janm katha: हनुमान जी को शक्ति, भक्ति और समर्पण का प्रतीक माना जाता है। वे भगवान राम के परम भक्त हैं और रामायण में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका से सभी परिचित हैं। हनुमान जी के भक्ति उन पर अटूट श्रद्धा रखते हैं और महाबली भी अपने भक्तों की रक्षा करते हैं।
चैत्र माह की पूर्णिमा पर हनुमान जयंती मनाई जाती है। इस साल चैत्र माह की पूर्णिमा यानी 12 अप्रैल को हनुमान जयंती का उत्सव मनाया जाएगा। वहीं वाल्मीकि रामायण के अनुसार, कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को हनुमान जन्मोत्सव मनाया जाता हूं। इस साल कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी 19 अक्टूबर को है। अब आपके मन में सवाल उठ रहा होगा क्या आखिर दो बार भगवान हनुमान की जन्मदिन क्यों मनाया जाता है। आइए, विस्तार से जानते हैं।
चैत्र पूर्णिमा और हनुमान जयंती
चैत्र मास की पूर्णिमा को हनुमान जयंती के रूप में मनाया जाता है। इसके पीछे एक पौराणिक कथा है। जब बाल हनुमान ने सूर्य को फल समझकर खाने की कोशिश की, तो इंद्र ने उन पर वज्र से प्रहार किया। इससे हनुमान जी मूर्छित हो गए। इससे उनके पिता पवनदेव क्रोधित हो गए और उन्होंने हवा रोक दी। इससे पूरे ब्रह्मांड पर संकट आ गया। देवताओं की प्रार्थना के बाद ब्रह्मा जी ने हनुमान जी को दूसरा जीवन दिया। तब देवताओं ने भी उन्हें अपनी शक्तियां प्रदान कीं। जिस दिन उन्हें दूसरा जीवन मिला, वह चैत्र मास की पूर्णिमा थी। इसलिए इस दिन को हनुमान जयंती के रूप में मनाया जाता है।
कार्तिक चतुर्दशी और हनुमान जन्मोत्सव
वहीं कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को हनुमान जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। वाल्मीकि रामायण के अनुसार, हनुमान जी का जन्म इसी दिन हुआ था। इसलिए इस दिन को उनके जन्मदिन के रूप में मनाने की परंपरा है।
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