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रामनवमी के बाद हनुमान जयंती कब है? पूजा के सबसे अच्छे मुहूर्त

हमें फॉलो करें रामनवमी के बाद हनुमान जयंती कब है? पूजा के सबसे अच्छे मुहूर्त
, सोमवार, 4 अप्रैल 2022 (14:07 IST)
हनुमान जयंती कब की है 2022 : आजकल हनुमान जयंती को हनुमान जन्मोत्सव बोला जाता है क्योंकि वे अभी भी सशरीर मौजूद हैं। हनुमान जयंती वर्ष में दो बार मनाई जाती है। पहली हिन्‍दू कैलेंडर के अनुसार चैत्र शुक्‍ल पूर्णिमा को और दूसरी कार्तिक कृष्‍ण चतुर्दशी को। इसके अलावा तमिलानाडु और केरल में हनुमान जयंती मार्गशीर्ष माह की अमावस्या को तथा उड़ीसा में वैशाख महीने के पहले दिन मनाई जाती है।
 
 
Hanuman jayanti 2021 date : चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी को रामनवमी मनाई जाती है जो कि 10 अप्रैल को है, जबकि चैत्र माह के अनुसार इस बार हनुमान जन्म उत्सव या प्रकटोत्सव 16 अप्रैल 2022 शनिवार को मनाया जाएगा।
 
 
हनुमान जन्म उत्सव पर पूजा के शुभ मुहूर्त- hanuman pooja ka muhurat 2022 :

 
- पूर्णिमा तिथि : अप्रैल 16, 2022 को 02:27:35 से पूर्णिमा आरम्भ और अप्रैल 17, 2022 को 00:26:51 पर पूर्णिमा समाप्त।
 
- अभिजीत मुहूर्त : सुबह 11:32 से दोपहर 12:23 तक।
 
- विजय मुहूर्त : दोपहर 02:06 से 02:57 तक।
 
- गोधूलि मुहूर्त : शाम 06:08 से 06:32 तक।
 
- सायाह्न संध्या मुहूर्त : शाम 06:21 से 07:28 तक।
 
- निशिता मुहूर्त : रात्रि 11:35 से 12:20 तक।
 
- नक्षत्र : हस्त नक्षत्र सुबह 08:40 तक उसके बाद चित्रा नक्षत्र लगेगा।
 
- योग : रवि योग प्रात: 05:35 से प्रात: 08:40 तक। हर्षण योग- 16 अप्रैल प्रात: 05:32 से रात्रि 02:45 तक।
 
- राहु काल : प्रात: 09:18 से 10:52 तक।
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विशेष : ऐसा कहते हैं कि पहली चैत्र माह की तिथि को विजय अभिनन्दन महोत्सव के रूप में जबकि दूसरी तिथि कार्तिक कृष्‍ण चतुर्दशी को जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है। चैत्र माह में हनुमानजी सूर्य को फल समझ कर खाने के लिए दौड़े थे। एक अन्य मान्यता के अनुसार माता सीता ने हनुमानजी की भक्ति और समर्पण को देखकर उनको अमरता का वरदान दिया था। यह दिन नरक चतुर्दशी का दिन था। चैत्र पूर्णिमा को मेष लग्न और चित्रा नक्षत्र में प्रातः 6:03 बजे हनुमानजी का जन्म एक गुफा में हुआ था। वल्मीकि रचित रामायण के अनुसार हनुमानजी का जन्म कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मंगलवार के दिन, स्वाति नक्षत्र और मेष लग्न में हुआ था। हालांकि यह शोध का विषय है।

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