Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

Hanuman jayanti 2023 : हनुमानजी की जन्म कथा

हमें फॉलो करें Hanuman jayanti 2023 : हनुमानजी की जन्म कथा
Hanuman Birth Story 
 
धार्मिक शास्त्रों के अनुसार साल में दो तिथियों पर हनुमानजी जन्म दिवस मनाए जाने की परंपरा है। चैत्र महीने की पूर्णिमा और कार्तिक माह की चतुर्दशी तिथि पर हनुमान जयंती मनाई जाती है। इसमें से एक तिथि पर भगवान हनुमान का जन्मदिवस के रूप में और दूसरी तिथि विजय दिवस के तौर पर मनाई जाती। हनुमान जयंती के शुभ अवसर पर यहां पढ़ें रामभक्त हनुमानजी के जन्म की कहानी/जन्म कथा : (Hanuman janam katha)
 
हनुमान जन्म कथा हमें पुराणों में भिन्न-भिन्न रूप में मिलती है। उनकी माता का नाम अंजनी और पिता का नाम केसरी था। कथा के अनुसार सूर्य के वर से सुवर्ण के बने हुए सुमेरु में केसरी का राज्य था। उसकी अति सुंदरी अंजना नामक स्त्री थी। एक बार अंजना ने शुचिस्नान करके सुंदर वस्त्राभूषण धारण किए। उस समय पवन देव ने उसके कर्णरन्ध्र में प्रवेश कर आते समय आश्वासन दिया कि तेरे यहां सूर्य, अग्नि एवं सुवर्ण के समान तेजस्वी, वेद-वेदांगों का मर्मज्ञ, विश्वन्द्य महाबली पुत्र होगा और ऐसा ही हुआ भी।
 
अंजना के उदर से हनुमानजी उत्पन्न हए। दो प्रहर बाद सूर्योदय होते ही उन्हें भूख लगी। माता फल लाने गई। इधर लाल वर्ण के सूर्य को फल मान कर हनुमान जी उसको लेने के लिए आकाश में उछल गए। उस दिन अमावस्या होने से सूर्य को ग्रसने के लिए राहु आया था, किंतु हनुमानजी को दूसरा राहु मान कर वह भाग गया। तब इंद्र ने हनुमानजी पर वज्र-प्रहार किया। उससे इनकी ठोड़ी टेढ़ी हो गई, जिससे ये हनुमान कहलाए। 
 
इंद्र की इस दृष्टता का दंड देने के लिए पवन देव ने प्राणि मात्र का वायु संचार रोक दिया। तब ब्रह्मादि सभी देवों ने हनुमान को वर दिए। ब्रह्माजी ने अमितायु का, इंद्र ने वज्र से हत न होने का, सूर्य ने अपने शतांश तेज से युक्त और संपूर्ण शास्त्रों के विशेषज्ञ होने का, वरुण ने पाश और जल से अभय रहने का, यम ने यमदंड से अवध्य और पाश से नाश न होने का, कुबेर ने शत्रुमर्दिनी गदा से निःशंख रहने का, शंकर ने प्रमत्त और अजेय योद्धाओं से जय प्राप्त करने का और विश्वकर्मा ने मय के बनाए हुए सभी प्रकार के दुर्बोध्य और असह्य, अस्त्र, शस्त्र तथा यंत्रादि से कुछ भी क्षति न होने का वर दिया।
इस प्रकार के वरों के प्रभाव से आगे जाकर हनुमानजी ने अमित पराक्रम के जो काम किए, वे सब हनुमानजी के भक्तों में प्रसिद्ध हैं और जो अश्रुत या अज्ञात हैं, वे अनेक प्रकार की रामायणों, पद्म, स्कन्द और वायु आदि पुराणों एवं उपासना-विषय के अगणित ग्रंथों से ज्ञात हो सकते हैं।

webdunia

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

Hanuman jayanti 2023 : हनुमानजी की इस प्रतिमा की करें पूजा, शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या नहीं सताएगी