Hanuman Mantra : हनुमानजी की करें रोज जय-जयकार : 1. शंकर सुवन हनुमानजी की जय, 2. अंजनी पुत्र हनुमानजी की जय, 3. केसरीनंदन हनुमानजी की जय, 4. पवनपुत्र हनुमानजी की जय, 5. रामदूत हनुमानजी की जय, 6. असुरनिकंदन हनुमानजी की जय, 7. संकटमोचन हनुमानजी की जय, 8. महावीर हनुमानजी की जय, 9. कपिराज हनुमानजी की जय और 10. वानरयूथ प्रमुख हनुमानजी की जय। इसके साथ ही जानें 10 शुभ महामंत्र।
हनुमान जी का चमत्कारिक मंत्र:-
1. सामान्य मंत्र : ॐ हनुमते नमः। इस मंत्र की 108 माला जपें।
2. तंत्र मंत्र : ॐ हं हनुमते नम। वाद-विवाद, न्यायालय आदि के लिए प्रयोग किया जा सकता है।
3. 'ॐ हं हनुमते रुद्रात्मकायं हुं फट्।' शत्रु से अधिक भय हो, जान-माल का डर हो, तो यह प्रयोग उचित रहेगा।
4. 'ॐ हं पवननन्दनाय स्वाहा।' हनुमानजी के दर्शन सुलभ होते हैं, यदि नित्य यह पाठ किया जाए।
5. 'ॐ नमो हरि मर्कट मर्कटाय स्वाहा।' शत्रु बलवान होने पर यह जप निश्चित लाभ देता है।
6. 'ॐ नमो भगवते आंजनेयाय महाबलाय स्वाहा।' असाध्य रोगों के लिए इस मंत्र का प्रयोग करें।
7. 'ॐ नमो भगवते हनुमते नम:।' सर्व सुख-शांति के लिए यह मंत्र जपें।
8 .हवन मंत्र :
ॐ नमो हनुमते रुद्रावताराय विश्वरूपाय अमित विक्रमाय
प्रकटपराक्रमाय महाबलाय सूर्य कोटिसमप्रभाय रामदूताय स्वाहा।
9. साबर मंत्र :
1.
साबर अढाईआ मंत्र :-
॥ ॐ नमो आदेश गुरु को, सोने का कड़ा,
तांबे का कड़ा हनुमान वन्गारेय सजे मोंढे आन खड़ा ॥
2.
ॐ नमो बजर का कोठा,
जिस पर पिंड हमारा पेठा।
ईश्वर कुंजी ब्रह्म का ताला,
हमारे आठो आमो का जती हनुमंत रखवाला।
3.
।।ओम गुरुजी को आदेश गुरुजी को प्रणाम,
धरती माता धरती पिता, धरती धरे ना धीरबाजे श्रींगी बाजे तुरतुरि
आया गोरखनाथमीन का पुत् मुंज का छड़ा,
लोहे का कड़ा हमारी पीठ पीछे यति हनुमंत खड़ा,
शब्द सांचा पिंड काचास्फुरो मन्त्र ईश्वरो वाचा।।
10 .श्री हनुमान मंत्र (जंजीरा)
ॐ हनुमान पहलवान पहलवान, बरस बारह का जबान,
हाथ में लड्डू मुख में पान, खेल खेल गढ़ लंका के चौगान,
अंजनी का पूत, राम का दूत, छिन में कीलौ
नौ खंड का भूत, जाग जाग हड़मान (हनुमान)
हुंकाला, ताती लोहा लंकाला, शीश जटा
डग डेरू उमर गाजे, वज्र की कोठड़ी ब्रज का ताला
आगे अर्जुन पीछे भीम, चोर नार चंपे
ने सींण, अजरा झरे भरया भरे, ई घट
पिंड की रक्षा राजा रामचंद्र जी लक्ष्मण कुंवर हड़मान (हनुमान) करें।
चोपाई मंत्र :
1. 'दुर्गम काज जगत के जेते,
सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते।' कठिन कार्यों की सफलता के लिए।
2. 'और मनोरथ जो कोई लावै,
सोई अमित जीवन फल पावै।' इच्छापूर्ति के लिए।
3. 'अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता,
अस बर दीन जानकी माता।' ऐश्वर्य प्राप्ति के लिए।
चेतावनी : हनुमानजी के साबर मंत्र पढ़ने या जपने के कुछ नियम होते हैं पहले उन्हें जान लें।