- सिद्धरमैया ने दुष्प्रचार का आरोप लगाया
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कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2023
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भाजपा को हराने का होगा प्रयास
Karnataka Assembly Elections: बेंगलुरु। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरमैया (Siddaramaiah) ने एक साक्षात्कार में कहा है कि उन्हें हिन्दू विरोधी (anti Hindu) बताने वाला दुष्प्रचार 2018 के विधानसभा चुनाव के केंद्र में रहा था। उन्होंने इस बात से इंकार किया कि वे बहुसंख्यक समुदाय की आस्था के खिलाफ हैं। साक्षात्कार के अंश सोमवार को जारी किए गए।
उन्होंने पीटीआई वीडियो को दिए गए एक साक्षात्कार में कहा कि 10 मई को होने जा रहे विधानसभा चुनाव में पार्टी को जीत मिलने की स्थिति में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डी.के. शिवकुमार के भी मुख्यमंत्री पद की आकांक्षा रखने में कुछ भी गलत नहीं है, क्योंकि स्वस्थ प्रतिस्पर्धा होना ठीक है। साक्षात्कार के अंश सोमवार को जारी किए गए।
सिद्धरमैया ने कहा कि देखिए, यदि स्वस्थ प्रतिस्पर्धा होती है तो इसमें कुछ भी गलत नहीं है। यदि डी.के. शिवकुमार मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं और वे इसके अभिलाषी हैं तो इसमें कुछ भी गलत नहीं है। यदि मैं मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बना तो भी कुछ गलत नहीं होगा। आखिरकार (पार्टी) आलाकमान फैसला करेगा।
उन्होंने कहा कि कर्नाटक के लोग सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को बाहर का रास्ता दिखाना चाहते हैं। भाजपा मतदाताओं को उस तरह से गुमराह नहीं कर सकती, जैसा कि उसने 5 साल पहले किया था।
उन्होंने कहा कि 2013 में कांग्रेस पार्टी के लिए स्पष्ट जनादेश था। हमने 2013 से 2018 तक (जब वे मुख्यमंत्री थे), अपने कार्यकाल के दौरान अच्छा कामकाज किया। दुष्प्रचार केंद्र में रहा, क्योंकि उन्होंने मेरे खिलाफ आरोप लगाया था कि मैं बहुसंख्यक समुदायों, उच्च वर्गों के खिलाफ हूं तथा यह कि मैं हिन्दुत्व/हिन्दू धर्म के खिलाफ हूं।
सिद्धरमैया ने कहा कि उन्होंने (भाजपा ने) जो कुछ प्रायोजित किया, वह सही नहीं है। इस बार लोग उनके दुष्प्रचार में यकीन नहीं करेंगे, क्योंकि वे जान गए हैं कि उनके आरोपों में कोई सच्चाई नहीं है। यही कारण है कि इस बार वे (भाजपा) हिन्दुत्व/हिन्दू राष्ट्र या हिन्दू धर्म के बारे में ज्यादा नहीं बोल रहे हैं, क्योंकि इस बार वे धनबल से जीतना चाहते हैं।
उन्होंने दावा किया कि 2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा दुष्प्रचार के जरिए जनादेश अपने पक्ष में मोड़ने में सफल रही। कांग्रेस नेता ने एक सवाल के जवाब में कहा कि चुनावों में जाति एक महत्वपूर्ण कारक नहीं है, मुद्दे महत्वपूर्ण हैं। अब भ्रष्टाचार, महंगाई, बेरोजगारी जैसे कई मुद्दे हैं। कर्नाटक के लोग जाति पर विचार नहीं करेंगे।
यह पूछे जाने पर कि क्या 10 मई का चुनाव उनके और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बीच एक मुकाबला होगा? उन्होंने इसका नकारात्मक जवाब देते कहा कि यह मेरे और मोदी के बीच मुकाबला नहीं है और आगामी विधानसभा चुनाव में इस मुद्दे पर चर्चा नहीं होगी। मुद्दे, कर्नाटक के लोगों से जुड़े स्थानीय स्तर के होंगे और यह राज्य विधानसभा का चुनाव है, न कि संसद का। इसलिए कर्नाटक के लोग स्थानीय मुद्दों पर चर्चा करेंगे।(भाषा)
Edited by: Ravindra Gupta