करवा चौथ का व्रत हर सुहागिन की जिंदगी संवार सकता है, लेकिन इसके लिए इस दिव्य व्रत से जुड़े नियम और सावधानियों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। आइए पढ़ें जरूरी बातें....
* करवा चौथ का त्योहार इस बार 17 अक्टूबर को मनाया जा रहा है।
* इस दिन पति की लंबी उम्र के साथ संतान सुख भी मिल सकता है।
* करवा चौथ के दिन श्री गणेश, मां गौरी और चंद्रमा की पूजा की जाती है।
* चंद्रमा पूजन से महिलाओं को पति की लंबी उम्र और दांपत्य सुख का वरदान मिलता है।
* विधि-विधान से ये पर्व मनाने से महिलाओं का सौंदर्य भी बढ़ता है।
* करवा चौथ की रात सौभाग्य प्राप्ति के प्रयोग का फल निश्चित ही मिलता है।
करवा चौथ के व्रत में क्या करें और क्या ना करें…
* केवल सुहागिनें या जिनका रिश्ता तय हो गया हो वही स्त्रियां ये व्रत रख सकती हैं।
* व्रत रखने वाली स्त्री को काले और सफेद कपड़े कतई नहीं पहनने चाहिए।
* करवा चौथ के दिन लाल और पीले कपड़े पहनना विशेष फलदायी होता है।
* करवा चौथ का व्रत सूर्योदय से चंद्रोदय तक रखा जाता है।
* ये व्रत निर्जल या केवल जल ग्रहण करके ही रखना चाहिए।
* इस दिन पूर्ण श्रृंगार और अच्छा भोजन करना चाहिए।
* पत्नी के अस्वस्थ होने की स्थिति में पति भी ये व्रत रख सकते हैं।
करवा चौथ व्रत की यह है सबसे सही और सरल विधि...मिलेगा पूरा फल
करवा चौथ के व्रत और पूजन की उत्तम विधि, जिससे इस प्रकार व्रत करने से आपको इस व्रत का 100 गुना फल मिलेगा।
* सूर्योदय से पहले स्नान करके व्रत रखने का संकल्प लें।
* फिर मिठाई, फल, सेंवई और पूड़ी की सरगी ग्रहण कर व्रत शुरू करें।
* संपूर्ण शिव परिवार और श्रीकृष्ण की स्थापना करें।
* गणेश जी को पीले फूलों की माला, लड्डू और केले चढ़ाएं।
* भगवान शिव और पार्वती को बेलपत्र और श्रृंगार की वस्तुएं अर्पित करें।
* श्रीकृष्ण को माखन-मिश्री और पेड़े का भोग लगाएं।
* उनके सामने मोगरा या चन्दन की अगरबत्ती और घी का दीपक जलाएं।
* मिटटी के कर्वे पर रोली से स्वस्तिक बनाएं।
* कर्वे में दूध, जल और गुलाब जल मिलाकर रखें और रात को छलनी के प्रयोग से चंद्र दर्शन करें और चंद्रमा को अर्घ्य दें।
* इस दिन महिलाएं सोलह श्रृंगार जरूर करें, इससे सौंदर्य बढ़ता है।
* इस दिन करवा चौथ की कथा कहनी या फिर सुननी चाहिए।
* कथा सुनने के बाद अपने घर के सभी बड़ों का चरण स्पर्श करना चाहिए।