करवाचौथ इस बार 1 नवंबर 2023 को है। इस दिन महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं और रात में चांद देखने के बाद अपना व्रत तोड़ती हैं। माना जाता है कि इस दिन अगर सुहागिन स्त्रियां उपवास रखें तो उनके पति की उम्र लंबी होती है और उनका गृहस्थ जीवन सुखी रहता है।
ये व्रत सूर्योदय से पहले शुरू होता है जिसे चांद निकलने तक रखा जाता है। इस व्रत में सास अपनी बहू को सरगी देती है। इस सरगी को लेकर बहुएं अपने व्रत की शुरुआत करती हैं।
इस व्रत में शाम के समय शुभ मुहूर्त में चांद निकलने से पहले पूरे शिव परिवार की पूजा की जाती है। चांद निकलने के बाद महिलाएं चंद्रमा को अर्घ्य देती हैं और अपने पति के हाथ से पानी पीकर व्रत खोलती हैं।
करवा चौथ व्रत की पूजा विधि
* सुबह सूर्योदय से पहले उठ जाएं। सरगी के रूप में मिला हुआ भोजन करें पानी पीएं और भगवान की पूजा करके निर्जला व्रत का संकल्प लें।सूर्योदय से पहले स्नान करके व्रत रखने का संकल्प लें।
*फिर मिठाई, फल, सेंवई और पूड़ी की सरगी ग्रहण कर व्रत शुरू करें।
*संपूर्ण शिव परिवार और श्रीकृष्ण की स्थापना करें।
*गणेश जी को पीले फूलों की माला, लड्डू और केले चढ़ाएं।
*भगवान शिव और पार्वती को बेलपत्र और श्रृंगार की वस्तुएं अर्पित करें। करवा माता का चित्र स्थापित करें।
*श्रीकृष्ण को माखन-मिश्री और पेड़े का भोग लगाएं।
*उनके सामने मोगरा या चन्दन की अगरबत्ती और घी का दीपक जलाएं।
*मिटटी के कर्वे पर रोली से स्वस्तिक बनाएं।
*पूजा के लिए शाम के समय एक मिट्टी की वेदी पर सभी देवताओं की स्थापना कर इसमें करवे रखें।
*करवा चौथ में महिलाएं पूरे दिन जल-अन्न कुछ ग्रहण नहीं करतीं फिर शाम के समय चांद को देखने के बाद दर्शन कर व्रत खोलती हैं।
*एक थाली में धूप, दीप, चंदन, रोली, सिन्दूर रखें और घी का दीपक जलाएं।
*पूजा चांद निकलने के एक घंटे पहले शुरू कर देनी चाहिए। इस दिन महिलाएं एक साथ मिलकर पूजा करती हैं। कर्वे में दूध, जल और गुलाब जल मिलाकर रखें।
*पूजन के समय करवा चौथ कथा जरूर सुनें या सुनाएं।
*चांद को छलनी से देखने के बाद अर्घ्य देकर चंद्रमा की पूजा करनी चाहिए। यानी रात को छलनी के प्रयोग से चंद्र के दर्शन करें, चंद्रमा को अर्घ्य दें फिर चांद देखने के बाद पति के हाथ से जल पीकर व्रत खोलना चाहिए।
*इस दिन बहुएं अपनी सास को थाली में मिठाई, फल, मेवे, रुपए आदि देकर उनसे सौभाग्यवती होने का आशीर्वाद लेती हैं।
*इस दिन पति की लंबी उम्र के साथ संतान सुख भी मिल सकता है।
*करवा चौथ के दिन श्री गणेश, मां गौरी और चंद्रमा की पूजा की जाती है।
*चंद्रमा पूजन से महिलाओं को पति की लंबी उम्र और दांपत्य सुख का वरदान मिलता है।
*विधि-विधान से ये पर्व मनाने से महिलाओं का सौंदर्य भी बढ़ता है।
*करवा चौथ की रात सौभाग्य प्राप्ति के प्रयोग का फल निश्चित ही मिलता है।
*केवल सुहागिनें या जिनका रिश्ता तय हो गया हो वही स्त्रियां ये व्रत रख सकती हैं।
*व्रत रखने वाली स्त्री को काले और सफेद कपड़े कतई नहीं पहनने चाहिए।
*करवा चौथ के दिन लाल और पीले कपड़े पहनना विशेष फलदायी होता है।
*करवा चौथ का व्रत सूर्योदय से चंद्रोदय तक रखा जाता है।
*ये व्रत निर्जल या केवल जल ग्रहण करके ही रखना चाहिए।
*इस दिन पूर्ण श्रृंगार और अच्छा भोजन करना चाहिए।
*पत्नी के अस्वस्थ होने की स्थिति में पति भी ये व्रत रख सकते हैं।
करवा चौथ 2023 शुभ मुहूर्त Karwa Chauth Shubh Muhurat
01 नवंबर 2023 बुधवार –
करवा चौथ की संध्या पूजा का शुभ मुहूर्त : शाम 05 बजकर 36 मिनट से शाम 06 बजकर 54 मिनट