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करवा चौथ व्रत का विधान जानिए

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, शुक्रवार, 10 अक्टूबर 2014 (10:10 IST)
करवा चौथ सुहागिनों का पावन पर्व है। इस व्रत का विधान जान लेना चाहिए। 
 
एक पटिए पर जल से भरा लोटा एवं एक करवे में गेहूं भरकर रखने चाहिए। 
 
दीवार पर या कागज पर चन्द्रमा, उसके नीचे शिव तथा कार्तिकेय की चित्रावली बनाकर पूजा करें। 
 
उजमन करने के लिए एक थाली में तेरह जगह चार-चार पूड़ी और थोड़ा-सा शिरा रख लें। उसके ऊपर एक साड़ी ब्लाउज और रुपए जितना चाहें रख लें। उस थाली के चारों ओर रोली, चावल के हाथ फेर कर अपनी सासू जी के पांव छूकर उन्हें दे दें। 
 
वामन पुराण के अनुसार इस व्रत को कार्तिक कृष्ण की चंद्रोदयव्यापिनी चतुर्थी को किया जाता है। इस व्रत को विशेषकर सौभाग्यवती स्त्रियां अथवा उसी वर्ष में विवाही हुई लड़कियां करती हैं और नैवेद्य के 13 करवे या लड्डू और एक लोटा, 1 वस्त्र और एक विशेष करवा पति के माता-पिता को देती हैं। 
 
शिव की मूर्ति अथवा चित्र स्थापन करके 'नमः शिवायै शर्वाण्यै सौभाग्यं संतति सुभाम्‌। प्रयच्छ भक्तियुक्तानां नारीणां हरवल्लभे।' इस प्रकार शिव का पूजन करके 'नमः शिवाय' से शिव तथा 'षण्मुखाय नमः' से कार्तिक का पूजन कर नैवेद्य अर्पण करें। चन्द्रमा को अर्घ्य देकर भोजन करें। 

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