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खोलो खुशियों का इंद्रधनुष

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नया साल शुरु हो गया है। पिछले वर्ष पता नहीं आपने क्या-क्या अजीबोगरीब काम किए होंगे इसे खत्म करने के लिए- एक-दूजे के मुँह काले-पीले किए होंगे धुलेंडी पर, दोस्तों को बेवकूफ बनाया होगा। अप्रैल फूल के बहाने, परीक्षा के लिए सही-गलत उत्तर रटे होंगे, बारिश के मटमैले पानी में छप-छप की होगी। पता नहीं और भी क्या कुछ...।

अब नया वर्ष आ गया है। ढोल-ढमाके, बम और पटाखे एटसेटरा के साथ। अब बताओ, नए वर्ष के संकल्प क्या सोचे हैं? हम बिलकुल नहीं कहते कि सदा सच बोलने, नियमित पढ़ाई करने, नित्य माता-पिता के चरण छूने का ही प्रण करो। यह तो करना ही चाहिए।
  नया साल शुरु हो गया है। पिछले वर्ष पता नहीं आपने क्या-क्या अजीबोगरीब काम किए होंगे इसे खत्म करने के लिए- एक-दूजे के मुँह काले-पीले किए होंगे धुलेंडी पर, दोस्तों को बेवकूफ बनाया होगा। अप्रैल फूल के बहाने, परीक्षा के लिए सही-गलत उत्तर रटे होंगे।      


इसमें संकल्प लेने की क्या बात है? हम कहते हैं कि रोज प्रसन्न रहने का कारण ढूँढोगे, यह संकल्प लो। कारण न मिले, तो नया कारण गढ़ो। कल छुट्टी होने का कारण तो वर्ष के एक-तिहाई दिन होगा।

एकाध जन्मदिन का, कुछेक नए कपड़ों-तोहफों के, पिकनिक-फिल्म जाने के और मनपसंद के खाने के होंगे। थोड़ी गुंजाइश निकालकर कुछ दूसरों की मदद कर, पंछियों की चहक सुनकर, सूर्योदय-फूल-पत्ती-तितलियाँ देखकर प्रसन्न होने को भी शामिल कर लो। हमें विश्वास है कि इससे आपको फ्रेश और लाइट अनुभव होगा।

चलो, खुश हो। क्योंकि नए साल का यह हर दिन आपकी शेष जिंदगी का पहला दिन है। हैप्पी लाइफ!

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