बारिश अब आपके घर-आँगन में खड़ी है। बारिश में बड़े मजे के अनुभव होते हैं। जैसे इसके आते ही जमीन में पड़े सूखे बीज नमी पाकर फूट पड़ते हैं और उनसे बनने वाले पौधे चारों तरफ लहलहाने लगते हैं। याद करो पिछली गर्मियों में तुमने जो आम और केरियाँ खाई होंगी उनकी गुठली आसपास ही फेंकी होगी। देखना इस बारिश में उसी गुठली से एक नया पौधा फूटेगा। तुम्हें एक नया दोस्त मिलेगा।
अगर तुम इस पौधे को बड़ा करने के लिए कुछ आड़ वगैरा कर दो और फिर अच्छे से उसकी देखभाल करो तो यह पौधा जी जाएगा। जिस तरह तुम नौकरी करके अपनी कमाई परिवार को देने लगोगे उतने ही समय में यह पेड़ भी आमों की कमाई करने लगेगा। तुम्हारी बोई गुठली से बने इस पेड़ पर आम लगेंगे। एक गुठली के बदले कई आम मिलेंगे। इसी बात से तो कहावत बनी है आम के आम, गुठलियों के दाम। आम के साथ ही तुम चाहो तो अपनी पसंद का कोई और पौधा भी लगा सकते हो। पौधा लगाओगे तो फल भी पाओगे।
संपादक भैया