बच्चो,
आप सभी को राखी की बहुत-बहुत शुभकामनाएँ। अपनी कलाई पर रंग-बिरंगी राखियाँ बँधवाना और अच्छी-अच्छी मिठाइयाँ खाना तो आप लोगों को बहुत अच्छा लगता होगा।
पिछली राखी पर हमारे चिंटूजी कुछ नाराज थे। चिंटू को राखी बँधवाना तो अच्छा लगता है लेकिन उसे तिलक लगाना पसंद नहीं है। चिंटू तिलक ना लगाने की जिद पर अड़ गया और उसकी दीदी उससे नाराज हो गईं। बाद में चिंटू की मम्मी ने उसे डाँटा।
तो ऐसे मनाई थी- हमारे चिंटू ने राखी।
आप लोग चिंटू की तरह राखी मत मनाना। वैसे हमारी मिनी के हाल भी कुछ ऐसे ही थे। राखी मनाने मिनी के घर उसकी बुआ आईं, तो मिनी का उसकी बुआ के बच्चों का साथ खूब झगड़ा हुआ। बाद में मिनी के साथ दूसरे बच्चों को भी मिनी के पापा ने डाँटा।
आप ही बताएँ, राखी मनाने का यह कौन-सा तरीका है। अरे भई, राखी का त्योहार तो खुशियाँ मनाने के लिए होता है। लडाई-झगड़ा करने या रोने के लिए नहीं।
आप लोग इस बात को याद रखना और अपने भाई-बहनों के साथ प्यार से मस्ती करते हुए राखी का त्योहार मनाना।
आप सभी को रक्षाबंधन की शुभकामनाएँ।
आपकी दीदी
नूपुर