Sawan posters

Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

बाल साहित्य : टॉफी का उपहार‌

Advertiesment
हमें फॉलो करें टॉफी पर कविता
webdunia

प्रभुदयाल श्रीवास्तव

पूज्य पिताजी बचपन में,
जब मुझको मार दिया करते,
ले गोदी में चाचा-चाची तब,
जी भर प्यार किया करते।

जब किसी पड़ोसी के बच्चे को,
ठोक-पीट मैं घर आता,
तो मुझे बचाने वही लोग,
मां से मनुहार किया करते।

बचपन का वह भीगा सावन,
कागज की वह खाली नावें,
हम भरे लबालब पानी से,
आंगन के पार किया करते।

मैं बड़ी बहन की कलम-किताबें,
यहां-वहां बिखरा देता,
तो उसका-मेरा समझौता,
भैया हर बार किया करते।

वह लड्डू-पेड़े मिट्टी के,
वह बांट-तराजू लकड़ी के,
अपने हाथों से दादाजी,
खुद ही तैयार किया करते।

गुड्डा-गुड़ियों की शादी में,
सारा घर आमंत्रित होता।
सब आठ आने की टॉफी का,
सुंदर उपहार दिया करते।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi