बालगीत : हद हो गई शैतानी की
टिंकू ने मनमानी की,
हद हो गई शैतानी की।
सोफे का तकिया फेंका,
पलटा दिया नया स्टूल।
मारा गोल पढ़ाई से,
आज नहीं पहुंचे स्कूल।
फोड़ी बोतल पानी की,
हद हो गई शैतानी की।
हुई लड़ाई टिन्नी से,
उसकी नई पुस्तक फाड़ी।
माचिस लेकर घिस डाली,
उसकी एक-एक काड़ी।
माला तोड़ी नानी की,
हद हो गई शैतानी की।
ज्यादा उधम ठीक नहीं,
मां ने यह बतलाया था।
एक कहानी के द्वारा,
पाठ उसे समझाया था।
धज्जी उड़ी कहानी की।
हद हो गई शैतानी की।
बॉल पड़ गई खिड़की में,
शीशा चकनाचूर हुआ।
पिटे पड़ोसी से टिंकू,
मस्ती का ज्वर दूर हुआ।
अक्ल ठिकाने आनी थी।
हद हो गई शैतानी की।
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