मजेदार कविता : बेगानी तितली...
तितली रानी, रानी तितली,
है जानी-पहचानी तितली।
हमें छककर उड़ जाती है।
मेरी छोटी-सी बगिया की,
छोटी-सी महारानी तितली।
कहां-कहां रस पीकर आई,
कितने फूलों से मिल आई।
नहीं पता है फिर भी लगती,
जैसे भोर सुहानी तितली।
पीली-नीली-लाल-गुलाबी,
सब में भरी हुई है चाबी।
हाथ लगाने से पहले ही,
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