यह मेरा छोटा-सा हाथी।
आइसक्रीम ज्यादा खाली तो,
चलने लगी जोर से खांसी।
वैद्य ऊंट की दवा पिलाई।
गरमा गरम भाप दिलवाई।
अदरक का रस शहद मिलाया।
दिन में चार बार पिलवाया।
फिर भी मर्ज बढ़ा जाता है।
हथनी बैठी बहुत उदासी।
नहीं मानता कहना हाथी।
समझा समझा हारे साथी।
दो सौ पिज्जा खा जाता है।
बर्गर साठ उड़ा जाता है।
लेता रहता फाड़ फाड़ मुंह,
हर पल बदबूदार उबासी।
बात पते की सुनते जाओ।
ठूंस ठूंस हरगिज़ मत खाओ।
खाना बस उतना ही खाओ।
जितना पूर्ण हज़म कर पाओ।
स्वस्थ रहोगे मस्त रहोगे।
तन मन में न रहे उदासी।