Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

मजेदार बाल कविता : दादीजी की दौड़...

हमें फॉलो करें मजेदार बाल कविता : दादीजी की दौड़...
webdunia

प्रभुदयाल श्रीवास्तव

दादीजी ने कल दौड़ी थी,
सौ मीटर की दौड़।


 
एक लाइन में खड़ी हुई थी,
दस बूढ़ी महिलाएं।
इंतजार था विहसिल बजे और,
कसकर दौड़ लगाएं।
कौन आएगा अव्वल उनमें,
लगी हुई थी होड़।
 
विहसिल बजी तो सारे धावक,
पग सिर पर रख भागे।
सबने देखा मेरी दादी,
दौड़ रही थी आगे।
सभी दौड़ने वालों में थी,
वह सबसे बेजोड़।
 
दादी आई प्रथम दौड़ में,
उनको मिली बधाई।
और पुरस्कृत हुईं, दी गई,
उनको गरम रजाई।
कड़क ठंड में ओढ़ेंगे हम,
बच्चे बूढ़े प्रौढ़।


Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

बाल गीत : स्वाद शहद सा मीठाजी