शिक्षा का संस्थान है ये,
विद्यार्थी यहां पे आते हैं।
विद्या के सागर में लोट-पोट कर,
डुबकी यहां लगाते हैं।
संस्कारों से भरा-पूरा है,
गुरुजन यहां के श्रेष्ठ।
शिक्षा ग्रहण शिष्य सब करते,
होकर बड़े सचेत।
कोई अफसर कोई वैज्ञानिक,
इंजीनियर बन नाम कमाते हैं।
विद्या के सागर में लोट-पोट कर,
डुबकी यहां लगाते हैं।
अनुशासन में रहकर पढ़ते,
अपनाते हैं ज्ञान।
होनहार बन जाते हैं,
मिलता है सम्मान।
लैला-मजनूं जो बनकर घूमे,
जीवनभर पछताते हैं।
विद्या के सागर में लोट-पोट कर,
डुबकी यहां लगाते हैं।