Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

बच्चों की कविता : होमवर्क

Advertiesment
हमें फॉलो करें बच्चों की कविता : होमवर्क

कृष्ण वल्लभ पौराणिक

चला जा रहा था मैं गुमसुम कांधे लटकाए बस्ते को
भारी मन से चिंतातुर हो उस दिन विद्यालय अपने को
 
मैडम डांटेगी ना लाया होमवर्क था जो लिखने को
क्या करता मैं रहा खेलता जब आया था घर अपने को
 
कह दूंगा कल बुखार आया पहुंचा जब मैं घर अपने को
लिख ना पाया होमवर्क को ले आया वैसा बस्ते को
यह तो झूठ बोलना होगा अपनी मैडम से अपने को
सदा चाहती मुझको कितना कहती झूठ नहीं कहने को
 
आज मांग लूंगा मैं माफी और लौट के घर अपने को
भिड़ जाऊंगा तुरंत लिखने मन लगाऊंगा पढ़ने को
 
मैडम खुश बहु्त तब होगी शाबासी देगी पढ़ने को
और चूक मैं अब न करूंगा सावधान रखकर अपने को
 
गया दूसरे दिन विद्यालय पहुंचा मैडम से मिलने को
मैडम खुश थी सत्य कथन पर चूम लिया मेरे चेहरे को। 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

यदि नींद कम आती है तो सावधान हो जाएं क्योंकि...