Hanuman Chalisa

Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

बाल साहित्य : सुंदर गिलहरी आई

Advertiesment
हमें फॉलो करें गिलहरी
- कमलसिंह चौहान
 

 
सुंदर गिलहरी आई 
अनुशासन की सीख लाई 
 
दाने खा इठलाती आई 
नन्हे हाथ हिलाती आई 
 
थकती नहीं है चलने में 
सोती नहीं है पलने में 
 
दाने बीच उठाकर चलती 
मिट्टी में भी दबाती चलती 
 
हाथ-पैर इसके फुर्तीले 
पीठ पर पट्टे सफेद-काले 
 
हमें देखकर यह शरमाई 
पेड़ों पर चढ़कर इतराई 
 
लंबी दूरी तय करती है 
समझ-बूझ से यह चलती है 
 
चंचल और छरहरी आई 
देखो सुंदर गिलहरी आई। 
 
(यह कविता हमें 'प्रभात' ने भेजी है जयपुर से।)

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi