Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

चंद्रशेखर आजाद पर कविता : तुम आजाद थे, आजाद हो

हमें फॉलो करें चंद्रशेखर आजाद पर कविता : तुम आजाद थे, आजाद हो
webdunia

सुशील कुमार शर्मा

चन्द्रशेखर आजाद पर कविता
 
तुम आजाद थे, आजाद हो, आजाद रहोगे,
भारत की जवानियों के तुम खून में बहोगे।
 
मौत से आंखें मिलाकर वह बात करता था,
अंगदी व्यक्तित्व पर जमाना नाज करता था।
 
असहयोग आंदोलन का वो प्रणेता था,
भारत की स्वतंत्रता का वो चितेरा था।
 
बापू से था प्रभावित, पर रास्ता अलग था,
खौलता था खून अहिंसा से वो विलग था।
 
बचपन के पन्द्रह कोड़े, जो उसको पड़े थे,
आज उसके खून में वो शौर्य बन खड़े थे।
 
आजाद के तन पर कोड़े तड़ातड़ पड़ रहे थे,
'जय भारती' का उद्घोष चन्दशेखर कर रहे थे।
 
हर एक घाव कोड़े का देता मां भारती की दुहाई,
रक्तरंजित तन पर बलिदान की मेहंदी रचाई।
 
अहिंसा का पाठ उसको कभी न भाया,
खून के ही पथ पर उसने सुकून पाया।
 
उसकी शिराओं में दमकती थी जोशो जवानी,
युद्ध के भीषण कहर से लिखी थी उसने कहानी।
 
उसकी फितरत में नहीं थीं प्रार्थनाएं,
उसके शब्दकोशों में नहीं थीं याचनाएं।
 
नहीं मंजूर था उसको गिड़गिड़ाना,
और शत्रु के पैर के नीचे तड़फड़ाना।
 
मंत्र बलिदान का उसने चुना था,
गर्व से मस्तक उसका तना था।
 
क्रांति की ललकार को उसने आवाज दी थी,
स्वतंत्रता की आग को परवाज दी थी।
 
मां भारती की लाज का वो पहरेदार था,
भारत की स्वतंत्रता का वो पैरोकार था।
 
अल्फ्रेड पार्क में लगी थी आजाद की मीटिंग,
किसी मुखबिर ने कर दी देश से चीटिंग।
 
नॉट बाबर ने घेरा और पूछा कौन हो तुम,
गोली से दिया जवाब तुम्हारे बाप हैं हम।
 
सभी साथियों को भगाकर रह गया अकेला,
उस तरफ लगा था बंदूक लिए शत्रुओं का मेला।
 
सिर्फ एक गोली बची थी भाग किसने था मेटा,
आखिरी दम तक लड़ा वो मां भारती का था बेटा।
 
रखी कनपटी पर पिस्तौल और दाग दी गोली,
मां भारती के लाल ने खेल ली खुद खून की होली।
 
तुम आजाद थे, आजाद हो, आजाद रहोगे,
भारत की जवानियों के तुम खून में बहोगे।
 
ALSO READ: शहीद चंद्रशेखर आजाद अपनी शायरी में भी भर देते थे क्रांतिकारी रंग

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

नहीं सहा जाता मुंह के छालों का दर्द, तो राहत पाने के 12 तरीके जान लीजिए