Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

बाल कविता: घोड़ा है भाई

हमें फॉलो करें horse
webdunia

प्रभुदयाल श्रीवास्तव

, शुक्रवार, 30 अगस्त 2024 (13:11 IST)
घोड़ा है भाई घोड़ा है
कितना प्यार घोड़ा है
मुंबई से दिल्ली तक का
उसने रास्ता जोड़ा है।
 
टिक-टिक-टिक-टिक चलता है
जोर जोर से हिलता है
जैसे ही मारो हंटर
कूदे और उछलता है
उछलकूद करने में ही
घर का मटका फोड़ा है।
 
पल में चेन्नई पहुंचाता
उड़कर कोलकाता जाता
आसमान में उड़ते ही
फर-फर-फर-फर फर्राता
मेरे विश्वासों को भी
कभी न उसने तोड़ा है।
 
जहां हुई मेरी इच्छा
पल भर में पहुंचा देता
गुल्ली-टुल्ली अम्मू से
तुरत-फुर‌त‌ मिलवा देता
दादा-दादी चाचा से
मीठा रिश्ता जोड़ा है।
 
दूध मलाई खाता है
हंसता है मुस्काता है
जैसे देखे रसगुल्ला
खाने को ललचाता है
खड़े-खड़े ही बेचारा
सो लेता वह थोड़ा है|
 
कहीं-कहीं पर अड़ जाता
सब पर भारी पड़ जाता
नहीं मानता कहना फिर‌
कसकर जिद्द पकड़ जाता
कभी-कभी तो गुस्से में
खाना-पीना छोड़ा है।
 
मैं उसको नहलाती हूं
प्रतिदिन तेल लगाती हूं
सुबह शाम ताजे जल से
उसका मुंह धुलवाती हूं
उसकी साफ-सफाई में
लगता साबुन सोड़ा है।
 
घोड़ा बहुत भला है ये
मुझको अभी मिला है ये
जैसे खिलते राज कमल‌
वैसा खिला-खिला है ये
दुनिया के सब घोड़ों से
सबसे न्यारा घोड़ा है।
 
(वेबदुनिया पर दिए किसी भी कंटेट के प्रकाशन के लिए लेखक/वेबदुनिया की अनुमति/स्वीकृति आवश्यक है, इसके बिना रचनाओं/लेखों का उपयोग वर्जित है...)

 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

Ganesh chaturthi 2024: गणेश जी से जुड़े 10 रोचक तथ्य