आओ हम सब खेलें खेल,
चलो बनाएं मिलकर रेल।
रामू तुम इंजन बन जाना,
सबसे आगे दौड़ लगाना।
सीता-गीता, सोनू-मोनू,
सबको संग में लेकर आना।
ये सब मिल डिब्बे बन जाएं,
दीपू तुम झंडी दिखलाना।
सीटी बजती, आती रेल,
आओ हम सब खेलें खेल।
गांव-शहर से बढ़ती जाती,
देशप्रेम की अलख जगाती।
जन-जन को घर तक पहुंचाती,
चारा-ईंधन लेकर आती।
जात-पात का भेद न करती,
सबको बिठलाती है रेल।
छुक-छुक, छुक-छुक चलती रेल,
आओ हम सब खेलें खेल।
देश, प्रांत और नगर की सीमा,
सबको एक बनाती रेल।
मिलकर रहते बढ़ता मेल,
सिखलाती है हमको रेल।
देश हमारा बहुत विशाल,
दिखलाती है हमको रेल।
चलो बनाएं मिलकर रेल,
आओ हम सब खेलें खेल।