Poem on Warm Weather : हमें न अब जाना स्कूल
उड़े भले कितनी ही धूल,
हमें न अब जाना स्कूल,
किरणें नभ से गरम, झरें,
हम तो घर में मौज करें।
लस्सी-शरबत-ठंडाई,
पियो खूब, गर्मी आई!
सड़कों पर है सन्नाटा-
मारे लू सबको चांटा-
दुबके रहे घरों में यार,
शाम ढले, घूमो बाजार।
लेटो करके आंखें बंद,
आज अभी कर लो आनंद।
कहता कौन, 'सजा' है बंधु,
गर्मी बड़ा मजा है बंधु!
डॉ. देवव्रत जोशी
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