Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

वर्षा ऋतु पर कविता : पानी आया...

हमें फॉलो करें वर्षा ऋतु पर कविता : पानी आया...
-  डॉ. वीरेन्द्र निर्झर
 
 
 
पानी आया... पानी आया...
गरज रहे बादल घनघोर
ठमक-ठमक कर नाचे मोर
पी-पी रटने लगा पपीहा
झन-झन-झन झींगुर का शोर
दूर कहीं मेंढक टर्राया
पानी आया... पानी आया...
 
रिमझिम-रिमझिम बूंदें आईं
खुशियों की सौगातें लाईं
पेड़ों के पत्तों ने भरभर
झूम-झूमकर तालियां बजाईं
गर्मी का हो गया सफाया
पानी आया... पानी आया...
 
भीग रहे कुछ छाता ताने
रानू-मोनू लगे नहाने
छप-छप-छप-छप करते फिरते
सपने जैसे हुए सयाने
बच्चों का मन है हर्षाया
पानी आया... पानी आया...

साभार - देवपुत्र 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

शिवपुराण में वर्णित हैं शिव के प्रिय फूल, जानिए हर फूल का वरदान