स्वतंत्रता की आन पर चढ़े हजारों शीश।
नमन करें उनको सदा मिले अमिट आशीष।
सीने पर गोली लगी फिर भी मुख मुस्कान।
भारतमाता के गर्व हैं ये शहीद जवान।
आजादी के यज्ञ में प्राण किए आहूत।
धन्य हुई वह कोख जो जने शहीद सपूत।
बलिदानों की भूमि है धन्य है भारत देश।
अगर जन्म फिर से मिले यही धरा परिवेश।
भारत का प्रत्येक जन दस शेरों-सा शेर।
गीदड़ भौंके दूर से पास आए तो ढेर।
भगत सिंह, आजाद और सुभाष की आन।
अमिट, अभेद्य, अविचल रहे मेरा देश महान।