Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

हाइकू रचना : रेल हादसा...

हमें फॉलो करें हाइकू रचना : रेल हादसा...
webdunia

सुशील कुमार शर्मा

हाइकू  54
 

 
मौत का पंजा
झपटकर उड़ा
जीवन हंसा।
 
काली थी रात
मौत की बरसात
घुप्प अंधेरा।
 
चीखते जिस्म
लहूलुहान बच्चे
कटे शरीर।
 
जीवन वृत्त
रह गया अधूरा
टूटे सपने।
 
काल कहर
बुझ गईं ज्योतियां
अंधेरे घर।
 
नन्ही-सी बेटी
कब आएंगे पापा
देखती राह।
 
टूटे सहारे
छूटे सब अपने
दर्द के घेरे।
 
टूटती रेलें
मौत की सियासत
लाशों का ढेर।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

मैनचेस्टर में जैकलीन की बॉलीवुड मेक-अप मास्टर क्लास