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सुंदर बाल गीत : आओ बच्चों! तुम्हें सुनाएं गौरव गाथा राम की

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- स्व. मदनगोपाल सिंहल
 
आओ बच्चों तुम्हें सुनाएं गौरव गाथा राम की
रूप निधान, सर्वगुण आगर, शील सिंधु गुणधाम की।
गुरु की आज्ञा ले पुत्रेष्टि यज्ञ रचाया राजा ने।
देवशक्ति से पुत्र प्राप्ति का साज सजाया राजा ने।।


 

 
यज्ञ हुआ संपूर्ण नृपति ने भी मन चीता वर पाया।
बीता कुछ ही समय राज्य में चिर वांछित अवसर आया।।
कौशल्या ने राम जने, सुत भरत केकयी ने जाए।
लक्ष्मण और शत्रुसूदन दो लाल सुमित्रा ने पाए।
बाजे बजे अवध में घर-घर गूंजी समधुर शहनाई।
नाच उठे जन-जन के मन माने निर्धन ने निधि पाई।।
समय बीतने लगा कि घुटनों चलने लगे कुंवर चारों।
शुक्ल पक्ष में चन्द्रकला से बढ़ने लगे कुंवर चारों।।
गुरु वशिष्ठ के आश्रम में जा पढ़ने लगें कुंवर चारों।
शास्त्र ज्ञान कर प्राप्त, अश्व पर चढ़ने लगें कुंवर चारों।।
गा उठे सब गुण गरिमा अपने युवराज ललाम की।
आओ बच्चों! तुम्हें सुनाएं गौरव गाथा राम की।
 
साभार- देवपुत्र 

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