अंग देश के एक गांव में एक धनी ब्राह्मण रहता था। उसके तीन पुत्र थे। एक बार ब्राह्मण ने एक यज्ञ करना चाहा।
उसके लिए एक कछुए की जरूरत हुई। उसने तीनों भाइयों को कछुआ लाने को कहा। वे तीनों समुद्र पर पहुंचे। वहां उन्हें एक कछुआ मिल गया। बड़े ने कहा, 'मैं भोजनचंग हूं, इसलिए कछुए को नहीं छुऊंगा।' मझला बोला, 'मैं नारीचंग हूं, मैं नहीं ले जाऊगा।' सबसे छोटा बोल, 'मैं शैयाचंग हूं, सो मैं नहीं ले जाऊंगा।'
तीनों में हुई जमकर बहस...