Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

प्रेरणास्पद कहानी : अपना दीपक बनो

Advertiesment
हमें फॉलो करें प्रेरणास्पद कहानी : अपना दीपक बनो
FILE

दो यात्री धर्मशाला में ठहरे हुए थे। एक दीप बेचने वाला आया। एक यात्री ने दीप खरीद लिया। दूसरे ने सोचा, मैं भी इसके साथ ही चल पडूंगा, मुझे दीप खरीदने की क्या जरूरत है।

दीप लेकर पहला यात्री रात में चल पड़ा, दूसरा भी उसके साथ लग लिया। थोड़ी दूर चलकर पहला यात्री एक ओर मुड़ गया।

दूसरे यात्री को विपरीत दिशा में जाना था। वह वहीं रह गया। बिना उजाले के लौट भी नहीं पाया।

महात्मा बुद्ध ने कहा- भिक्षुओं! अपना दीपक बनो। अपने कार्य ही अपने दीप हैं। वही मार्ग दिखाएंगे।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi