एडवर्ड और रोस टेट दंपति का श्रयूबरी में एक फॉर्म है। एक दिन उनके फॉर्म हाउस में एक घोड़े के नीचे दब जाने से मेबेल नाम की एक मुर्गी का पंजा जख्मी हो गया। मुर्गी को चलने में कठिनाई होने लगी और ठंड के दिनों में वह बाड़े में दुखी रहने लगी। टेट दंपति ने मुर्गी को मुश्किलों से बचाने के लिए अपने घर में आने दिया। इस तरह मेबेल नाम की यह मुर्गी टेट महोदय के घर में गर्माहट पाने लगी।
टेट महोदय के यहाँ एक पालतू कुतिया नेटल भी रहती थी। ठंड के उन्हीं दिनों में नेटल ने कुछ पिल्लों को जन्म दिया। बच्चों को जन्म देने के बाद नेटल दिन के वक्त धूप सेंकने के लिए बाड़े में जाकर बैठ जाती थी और उसके बच्चे घर में पड़े रहते थे। ऐसी हालत में मेबेल ने उन बच्चों को ममता की गर्माहट देने की जिम्मेदारी अपने आप ले ली।
मेबेल ने अपना बसेरा इन बच्चों के लिए खोल दिया और इन बच्चों को उसी तरह गर्मी पहुँचाई जिस तरह वह अंडों को सेने के लिए पहुँचाती है। टेट दंपति के घर में सभी तरह के प्राणियों के बीच ऐसे आपसी मधुर संबंध देखने को मिले। प्रकृति में और उसमें रहने वाले प्राणियों के बीच इस तरह के मधुर संबंध अवसर आने पर बन ही जाते हैं।