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पेंट टेक्नोलॉजी में बनाएं कलरफुल कैरियर

जयंतीलाल भंडारी

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विगत कुछ समय से भारतीय परिवारों की जीवनशैली में बहुत परिवर्तन आया है। बहुराष्ट्रीय कंपनियों, मॉल्स, रियल एस्टेट और ऑटोमोबाइल कंपनियों के माहौल ने उनकी पसंद-नापसंद को काफी हद तक बदल दिया है और यही कारण है कि अब लोग बंधी-बंधाई सोच से अलग कुछ नया सोचने लगे हैं। यह सोच रंगों को लेकर भी बहुत बदल गई है। अब लोग विभिन्न रंगों और रंगों के प्रयोगों के प्रति काफी सजग हो गए हैं। इस सजगता ने पेंट उद्योग की चमक को भी बदलकर रख दिया है।

इस बदलाव ने जहां काफी कुछ बदला, वहीं पेंट उद्योग में कैरियर की संभावनाओं को भी पंख लगा दिए हैं। विदेशी कंपनियों के आने से इस क्षेत्र में रोजगार की संभावनाएं तेजी से बढ़ती जा रही हैं, इसलिए पेंट की तकनीक को एक पाठ्यक्रम का रूप दे दिया गया, जिसे पेंट टेक्नोलॉजी कहा जाता है। इस क्षेत्र में प्रशिक्षित युवाओं की देश ही नहीं, दुनिया में भी भारी मांग है।

पेंट टेक्नोलॉजी के पाठ्यक्रमों को सामान्यतः तीन श्रेणियों में बांटा गया है। पहली श्रेणी आधार पाठ्यक्रम की है जिसमें बेसिक साइंस पर आधारित शैक्षिक पाठ्यक्रम आते हैं। इन पाठ्यक्रमों का आधार रसायन विज्ञान की वे शाखाएं होती हैं जो सीधे-सीधे रसायनों के मूल से जुड़ती हैं।

दूसरी श्रेणी के पाठ्यक्रम सीधे-सीधे विभिन्न आधारभूत सामग्री और प्रक्रियाओं के परीक्षण से जुड़े हुए होते हैं। इन पाठ्यक्रमों में प्रशिक्षण की यह व्यवस्था पूरी तरह से कंप्यूटर आधारित होती है। इस तरह से इंजीनियरिंग और कंप्यूटर विषयों के अंतर्गत पेंट निर्माण और प्रयोग आदि की विधाओं के परीक्षण संपन्न होते हैं।

तीसरी श्रेणी के पाठ्यक्रम इन तकनीकों से जुड़े हुए हैं, जो पेंट के प्रयोग को उजागर करते हैं। इसके अंतर्गत सतही पेंट टेक्नोलॉजी यानी सरफेस कोटिंग टेक्नोलॉजी के विभिन्न विषय आते हैं।

पेंट टेक्नोलॉजी के पाठ्यक्रम में पेंट टेक्नोलॉजी के विभिन्न पक्षों, जैसे कच्चा माल, फॉर्मूला तैयार करना, पेंट व भंडारन पर रिसर्च कार्य, पेंट्स का अध्ययन, पेंट लगाने तथा सूखने व ठोस होने के सिद्धांत, गुणवत्ता नियंत्रण, प्रोडक्शन संबंधी कार्य तथा प्रोजेक्ट के रूप में डिजाइन, कारखानों में प्रशिक्षण व सेमिनार आदि को पेश किया जाता है।

पेंट टेक्नोलॉजी में चमकीला कैरियर बनाने के लिए उम्मीदवार को कम से कम बारहवीं उत्तीर्ण होना जरूरी है। वर्तमान में देश में पेंट टेक्नोलॉजी के कई पाठयक्रम उपलब्ध हैं। उम्मीदवार अपनी योग्यता के अनुसार कोई एक पाठ्यक्रम चुन सकता है।

पेंट टेक्नोलॉजी में स्नातक और स्नातकोत्तर, दोनों ही स्तर के पाठ्यक्रम उपलब्ध हैं। दोनों पाठ्यक्रमों में विज्ञान विषय मूलतः रसायन विज्ञान के विद्यार्थियों को ही प्रवेश दिया जाता है। जहां तक ग्रेजुएट स्तर के पाठ्यक्रमों का सवाल है, इनमें बी.टेक. इन पेंट टेक्नोलॉजी, बीएससी (टेक) पेंट्स, बी.टेक. इन कैमिकल टेक्नोलॉजी, बी.टेक. इन ऑयल एंड पेंट टेक्नोलॉजी जैसे प्रमुख पाठ्यक्रम हैं।

चूंकि पेंट हर किसी की किसी न किसी रूप में आवश्यकता है, इसलिए इसका उत्पादन और उपयोगिता, दोनों ही असीमित हैं। यही कारण है कि इसमें हर स्तर पर रोजगार के अवसर हैं। आज देशी-विदेशी कितनी ही छोटी-बड़ी पेंट निर्माता कंपनियां हैं। इन कंपनियों की साख यों ही नहीं है। इनमें कार्यरत कर्मचारी अपने क्षेत्र के महारथी होते हैं। जिस कंपनी में जितने ज्ञाता होते हैं, उसके उत्पाद की गुणवत्ता उतनी ही बेहतर होती है और उसी आधार पर उसकी मांग भी बढ़ती है।

यही कारण है कि एक पेंट कंपनी का अपना अनुसंधान एवं विकास विभाग होता है। यहीं पर पहले उत्पाद की कड़ी जांच की जाती है और जब वह कसौटी पर खरा उतरता है, तभी उसे बाजार में विक्रय के लिए उतारा जाता है। पेंट उद्योग तेजी से विस्तार पा रहा है। पेंट इंजीनियरों की मांग उनके उत्पादन से कहीं ज्यादा है। अगर आपमें काबिलियत है तो कोई भी पेंट कंपनी आपको हाथो-हाथ लेगी।

प्रशिक्षण के उपरांत आप प्रोडक्शन डिपार्टमेंट से लेकर रिसर्च, डिस्ट्रीब्यूशन, मैन्युफैक्चरिंग आदि विभागों में जा सकते हैं। इसके अतिरिक्त उपभोक्ता डीलिंग, प्रिंटिंग तथा टीचिंग में भी विकल्प खुले हुए हैं। पेंट उद्योग में बहुत आकर्षक वेतन प्रदान किया जाता है। यदि आप किसी फर्म से नहीं जुड़ना चाहते हैं तो स्वरोजगार के रूप में अपना स्वयं का व्यवसाय भी शुरू कर सकते हैं।

यहां से करें कोर्स
- यूनिवर्सिटी डिपार्टमेंट ऑफ केमिकल टेक्नोलॉजी, नाथलाल पारिख मार्ग, माटुंगा, मुंबई-19।

- इंडस्ट्रियल रिसर्च लैबोरेटरी, कैनाल साउथ रोड, कोलकाता-54।

- डिपार्टमेंट ऑफ केमिकल टेक्नोलॉजी, फैकल्टी ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, कोलकाता यूनिवर्सिटी, कोलकाता।

- यूनिवर्सिटी डिपार्टमेंट ऑफ केमिकल टेक्नोलॉजी, नार्थ महाराष्ट्र यूनिवर्सिटी, डंबीनगर, जलगांव।

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