इंट्रेस्ट के अनुसार किसी भी तकनीक में स्पेशलाइजेशन आपके करियर में चार चाँद लगा सकता है। सेरामिक इंजीनियरिंग की बीटेक डिग्री के लिए फिजिक्स, केमेस्ट्री और मैथ्स विषयों के साथ बारहवीं उत्तीर्ण होना जरूरी है।
कोर्स में एडमिशन के लिए एन्ट्रेंस एक्जाम भी उत्तीर्ण करना होता है। बीटेक के बाद गेट की परीक्षा देकर पोस्ट ग्रेजुएशन भी किया जा सकता है। डिजाइन और एनालिसिस इस इंडस्ट्री में काम करने के लिए अपेक्षित योग्यताएँ हैं।
इस फील्ड में रोजगार की बहुत उजली संभावनाएँ हैं। कई बड़ी कंपनियाँ इस क्षेत्र में सेरामिक इंजीनियरों की सेवाएँ लेती हैं। पारंपरिक क्षेत्रों से लेकर अत्याधुनिक तकनीक के क्षेत्रों में सेरामिक इंजीनियरों की अच्छी माँग है।
देश के विभिन्न आईआईटी संस्थानों के अलावा सेरामिक इंजीनियरिंग के कोर्स इन इंस्टिट्यूट में उपलब्ध हैं-
बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, वाराणसी ।
सेंट्रल ग्लास एंड सेरामिक रिसर्च इंस्टिट्यूट, जाधवपुर विश्वविद्यालय, कोलकाता।
कॉलेज ऑफ सेरामिक टेक्नोलॉजी, कोलकाता।
पीडीए कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग गुलबर्गा, कर्नाटक।
यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी, कोलकाता।