वैज्ञानिकों ने इंसानों के शरीर में ‘शॉकएब्जोर्बर’ का पता लगाने का दावा किया है। ये शॉकएब्जोर्बर मानव शरीर में उसी प्रकार काम करते हैं जैसे एक कार के शॉकएब्जोर्बर।
यूनिवर्सिटी ऑफ सिडनी की अगुवाई में वैज्ञानिकों की एक अंतरराष्ट्रीय टीम ने शरीर में मालीक्यूलर स्ट्रक्चर का पता लगाने की बात कही है जो मानव शरीर में शॉकएब्जोर्बर की तरह काम करता है।
‘प्रोसिडिंग्स ऑफ दी नेशनल अकादमी ऑफ साइंस’ में यह रिपोर्ट प्रकाशित हुई है। वैज्ञानिकों का कहना है कि मोलीक्यूल की खोज का इस्तेमाल मानवीय रक्त वाहिकाओं के डिजाइन में सुधार, क्षतिग्रस्त त्वचा की मरम्मत और यहां तक कि दिल की बीमारियों और फेफड़ों की बीमारियों में इस्तेमाल किया जा सकता है।
टीम के प्रमख प्रोफेसर टोनी वेस ने बताया कि इस हैरतंगेज खोज से इस सवाल का जवाब मिल सकता है कि कैसे हमारा शरीर विभिन्न चलायमान वस्तुओं के संपर्क में आने पर बिना खंडित हुए अपना सामंजस्य स्थापित करता है। (भाषा)