Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

ऑफिस आएँ अपनी मर्जी से

भारतीय कंपनियों ने अपनाई फ्लैक्सीबल वर्किंग

Advertiesment
हमें फॉलो करें ऑफिस आएँ अपनी मर्जी से
मुंबई , गुरुवार, 17 मार्च 2011 (09:15 IST)
भारतीय कंपनियों को यह समझ में आने लगा है कि उत्पादकता को बढ़ाने और लागत कम करने के लिए कर्मचारियों को कभी भी काम करने की आजादी दे। फ्लैक्सीबल वर्किंग के नाम से प्रचलित इस अवधारणा को कई कंपनियाँ अपना चुकी हैं।

यह सुविधा नई प्रतिभाओं को दी जा सकती है। भारतीय कर्मचारियों के साथ सबसे बड़ी समस्या यहाँ के यातायात की है। यहाँ लोगों को कई घंटे जाम में निकालना होते हैं। फ्लैक्सी वर्किंग से इस समस्या को हल किया जा सकता है।

देश की 80 प्रश कंपनियाँ इस तरह की पेशकश कर रही हैं। इससे कंपनियों को भी लाभ हो रहा है। वे अपने खर्चे कम कर रही हैं। हाल ही में हुए एक शोध में यह खुलासा हुआ है।

रीगस द्वारा तैयार इस रिर्पोट में कहा गया है कि भारत की 59 प्रश कंपनियाँ मानती हैं कि फ्लैक्सीबल वर्किंग से दफ्तर की लागत घट जाती है। 10 में से 8 कंपनियाँ मानती है कि फ्लैक्सी वर्किंग लाभकारी है और इससे काम और जीवन में संतुलन बेहतर बना रहता है। इससे कर्मचारी की आजादी से उत्पादकता तो बढ़ती ही है, साथ ही संतुष्टि का भाव भी रहता है।

रीगस के कंट्री हेड मधुसूदन ठाकुर का कहना है कि फ्लैक्सिबल वर्किंग एक अच्छा मानक बनकर उभरा है। परिवार के साथ समाज भी इससे लाभान्वित होता है।

रीगस ने इस संबंध में 80 देशों में 17,000 लोगों से संपर्क किया। 57 प्रश भारतीय कंपनियाँ अभी अपने वरिष्ठ स्टाफ को ही यह सुविधा दे रही हैं। ले‍किन नए स्टाफ को भी इस सुविधा का लाभ मिलना चाहिए। (नईदुनिया)

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi