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छोटा होता जा रहा है मानव मस्तिष्क!

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लंदन , रविवार, 2 जनवरी 2011 (22:28 IST)
विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में हो रहे नित नए-नए प्रयोग एक तरफ जहाँ मानव मस्तिष्क की खूबियों का वर्णन कर रहे हैं, वहीं एक नए शोध में यह बात सामने आई है कि पिछले 20 हजार सालों से यह लगातार छोटा होता जा रहा है।

नए शोध के अनुसार मानव मस्तिष्क के छोटा होने की शुरूआत कोई 20 लाख साल के बाद हुई। उस दौरान विश्व के सभी वर्गों और लिंगों की खोपड़ी में लगातार बढ़ोतरी हुई।

‘डिस्कवर’ पत्रिका के हवाले से ‘डेली मेल’ ने लिखा है कि पिछले 20 हजार साल में पुरुषों के दिमाग का विस्तार 1500 क्यूबिक सेंटीमीटर के मुकाबले घटकर 1350 क्यूबिक सेंटीमीटर रह गया है। महिलाओं के दिमाग के विस्तार में भी लगभग इतनी ही मात्रा में कमी आई है। घटा हुआ यह आकार एक टेनिस बॉल के बराबर है।

हालाँकि मानव मस्तिष्क का आकार घटने पर हुए इस शोध को लेकर सबसे ज्यादा बहस इस बात पर है कि क्या दिमाग का आकार घटने से मनुष्य की निपुणता कम हुई है या बढ़ रही है।

जीवाश्म विज्ञान से जुड़े कुछ वैज्ञानिकों का मानना है कि मानव के दिमाग का आकार भले ही घट गया हो, लेकिन वह बहुत ज्यादा निपुण होता जा रहा है। वहीं कुछ वैज्ञानिकों की राय इससे अलग है। (भाषा)

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