ज्वालामुखी और आकाशीय बिजली से पृथ्वी पर जीवन की शुरुआत हुई। एक नए अध्ययन में यह दावा किया गया है।
सैन डिएगो स्थित कैलीफोर्निया विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने यह अध्ययन किया है। 1950 के दशक में हुए अध्ययन का फिर से विश्लेषण किया गया और नए तथ्य उनके हाथ लगे।
समाचार पत्र ‘डेली मेल’ के मुताबिक शोधकर्ताओं ने अमीनो एसिड की बहुलता की खोज की है, जो जीवन के शुरुआत की बुनियादी जरूरत है। इसे प्रोटीन के जरिए एकत्र किया जा सकता है।
वर्ष 1953 में प्रोफेसर स्टैनले मिलर एक विख्यात प्रयोग के माध्यम से यह जानने की कोशिश की थी कि इस ब्रह्मांड और पूरे वातावरण की रचना कैसे हुई। उन्होंने इसके पक्ष में निष्कर्ष दिए थे और अरबों साल पहले की स्थिति भी पेश की थी। उन्होंने कई पदार्थ के माध्यम से अमीनो एसिड एकत्र किया था।
प्रोफेसर मिलर के छात्र रहे प्रोफेसर जेफरी बाडा ने कैलीफोर्निया विश्वविद्यालय के शोध दल का नेतृत्व किया। इस दल ने उस आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया, जो प्रोफेसर मिलर के वक्त की तुलना में 1000 गुना ज्यादा संवेदनशील थी।
इस नए शोध से उस सिद्धांत को बल मिलता है, जिसमें कहा जाता है कि पृथ्वी पर जीवन के शुरुआत में ज्वालामुखी और आकाशीय बिजली की प्रमुख भूमिका थी। (भाषा)