एडीलेड विश्वविद्यालय के एक दल के नए शोध से इस बात पर बहस शुरू हो गई कि डायनासोर सुस्त थे या चुस्त। प्रोफेसर रोजर सेयमौर के नेतृत्व वाले इस दल ने मानव और जानवरों की शरीर रचना पर शोध किया जिसमें डायनासोर के जीवन का विश्लेषण किया गया।
मानवों की जांघों की हड्डियों में छोटे छोटे छेद होते हैं जो कोशिकाओं तक रक्त की आपूर्ति करते हैं। ये छेद ‘न्यूट्रियेंट फोरामन’ कहलाते हैं।
नए शोध में पाया गया कि इन छेदों के आकार का संबंध एयरोबिक अभ्यास के दौरान व्यक्ति के चुस्त-दुरुस्त होने की अधिकतम दर से संबंधित है। शोधकर्ताओं ने इस सिद्धांत का प्रयोग डायनासोरों के क्रिया-कलापों का स्तर पता लगाने के लिए किया। लेकिन वह इस निष्कर्ष पर नहीं पहुंच पाए कि पृथ्वी के ये विशालतम प्राणी चुस्त थे या सुस्त। (भाषा)