अगर सबकुछ ठीक रहा तो जीएम चावल से खून बनने लगेगा और रोगियों में खून की कमी को पूरा किया जा सकेगा। जी हां, चीन के वैज्ञानिकों ने आनुवांशिक रूप से संशोधित (जेनेटिकली मोडिफाइड) एशियाई चावल से मानवीय रक्त के प्रमुख यौगिक के बड़े पैमाने पर उत्पादन का दावा किया है।
धान के पौधों से निकाले गए प्रोटीन में मानवीय जीन पाया जाता है। इस प्रोटीन का इस्तेमाल अस्पतालों में आगजनी का शिकार और बड़े पैमाने पर खून की कमी से जूझ रहे मरीजों में किया जा सकता है।
यह खोज करने वाले वैज्ञानिकों का कहना है कि यह रक्तदान का प्रचुर मात्रा में और सुरक्षित विकल्प उपलब्ध कराएगा।
द टेलीग्राफ की रिपोर्ट के अनुसार जीएम चावल के अधिक उत्पादन से प्राप्त मानवीय सीरम एल्बुमीन का इस्तेमाल अस्पतालों में किया जा सकता है। (एजेंसी)