पुराने तारों से हो सकता हैं विस्फोट!
आकाशगंगा में घूमते हैं टाइम बम
हॉलीवुड की ब्लॉकबस्टर फिल्म स्पीड में एक बस में लगा टाइम बम उसकी रफ्तार के 50 मील प्रति घंटे से कम होने पर विस्फोट हो सकता था। ठीक उसी तरह आकाशगंगा में कुछ पुराने तारों की रफ्तार कम होने पर उनमें जबरदस्त विस्फोट होने की बात कही गई है।
हॉर्वर्ड स्मिथसोनियन सेंटर फॉर एस्ट्रोफिजिक्स के खगोलविदों द्वारा किए गए एक शोध के मुताबिक हमारे आकाशगंगा में कुछ ऐसे पुराने तारे हैं जिनकी घूमने की गति अगर कम हुई तो उनमें टाइम बम की तरह विस्फोट हो सकता है।
ह्वाइट डार्फ नाम के कुछ पुराने तारे अपनी तेज गति को बरकरार रखते हैं। जब उनकी गति कम हो जाती है तो उनमें सुपरनोवा की तरह श्रृंखलाबद्घ विस्फोट होता है। वैज्ञानिकों का अनुमान है कि इस प्रकार के हजारों टाइम बम आकाशगंगा में फैले हो सकते हैं। हॉर्वर्ड स्मिथसोनियन सेंटर फॉर एस्ट्रोफिजिक्स के रोसैन डी स्टीफैनो का कहना है कि दूधिया तारामंडल में इस प्रकार के टाइम बम तारों में से एक भी तारे की हम अब तक खोज नहीं कर पाए हैं लेकिन शोध कहता है कि हम अब तक संकेतों को जानने में लगे रहे। डी स्टीफैनो और उनकी सहयोगी द्वारा विशेष तारकीय विस्फोट के बारे में किए गए अध्ययन को टाइप ला सुपरनोवा नाम दिया गया है। सेंटर के बयान के मुताबिक ऐसे तारों में विस्फोट तब होता है जब संकुचित ह्वाइट डार्फ तारों की गति अस्थिर हो जाती है। ह्वाइट डार्फ एक तारकीय अवशेष होते हैं जिनमें नाभिकीय संलयन बंद हो जाता है। ऐसे तारे सूर्य से 1.4 गुना भारी होते हैं। इनको चंद्रशेखर द्रव्यमान कहा जाता है। अध्ययन के सह लेखक रैसमस वोस ने कहा कि तारामंडल में हम सुपर चंद्रशेखर द्रव्यमान वाले ह्वाइट डार्फ को नहीं जानते हैं लेकिन हम उनको खोज रहे हैं।