बीमारियों से बचाता है पुरुषों का टेस्टोस्टेरॉन हार्मोन
, शुक्रवार, 29 जुलाई 2011 (11:28 IST)
पुरुष कुल मिला कर महिलाओं से न केवल बड़े, बलिष्ठ और अधिक मांसपेशियों वाले होते हैं, वे महिलाओं की अपेक्षा बीमार भी कम पड़ते हैं। जर्मनी में येना विश्वविद्यालय के चिकित्सा शास्त्रियों का कहना है कि पुरुषों को पुरुष बनाने वाला टेस्टोस्टेरॉन हार्मोन उन्हें शरीर में सूजन, जलन और एलर्जियों (प्रत्यूर्जा) से भी महिलाओं की अपेक्षा कहीं अधिक सुरक्षा प्रदान करता है। प्रयोगमूलक जीवविज्ञान की एक अमेरिकी पत्रिका में उन्होंने लिखा है कि उनके प्रयोगों से मिले आंकड़े यही कहते हैं कि महिलाओं के शरीर की कतिपय कोशिकाएं वैसी ही पुरुष कोशिकाओं की अपेक्षा दुगुनी मात्रा में ऐसे पदार्थ पैदा करती हैं, जो सूजन और जलन को बढ़ावा देते हैं। हालांकि महिलाओं के शरीर में भी पुरुष हार्मोन टेस्टोस्टेरॉन अल्प मात्रा में बनता है, पर यह मात्रा बहुत कम होती है। परिणामस्वरूप वात, गठिया और दमारोग जैसी बीमारियां उन्हें अक्सर घेरे रहती हैं। इन वैज्ञानिकों का कहना है कि क्योंकि पुरुषों का यौन हार्मोन टेस्टोस्टेरॉन महिलाओं की भी रोगप्रतिरोध क्षमता बढ़ा सकता है, अतः उनके लिए इस हार्मोन पर आधारित कोई विशेष उपचारविधि सोची जानी चाहिए।अब तक टेस्टोस्टेरॉन पर आधारित नई दवाएं अधिकतर केवल पुरुषों पर ही आजमाई जाती रही हैं। देखा गया है कि महिलाओं के शरीर में टेस्टोस्टेरॉन की मात्रा बढ़ने पर उन में सिर के बाल झड़ने, किंतु चेहरे पर के बाल बढ़ने-जैसे पुरुषों वाले लक्षण पैदा होने लगते हैं।